पीएम मोदी के विश्वास पर फिर खरे उतरे सीएम धामी, मिशन सिलक्यारा से और मजबूत होकर उभरे सीएम पुष्कर सिंह धामी, खींची एक और लंबी सियासी लकीर, लगातार ग्राउंड जीरो पर रहे डटे, मातली में कैंप ऑफिस खोल दिखाई संवेदनशीलता, श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकलते ही गले लगा कर जीता दिल, जोशीमठ के बाद सीएम पुष्कर फिर छाए

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देहरादून।

मिशन सिलक्यारा के जरिए सीएम पुष्कर सिंह धामी एकबार फिर पीएम नरेंद्र मोदी के विश्वास पर खरे उतरे। पीएम नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देशन में सीएम धामी मिशन सिलक्यारा को जीतने में सफल रहे। ये पहला मौका नहीं है, जब सीएम धामी किसी चुनौती से पार पाकर आगे बढ़े हों। वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद पुष्कर सिंह धामी के लिए हर तीसरा महीना किसी न किसी चुनौती के रूप में सामने आया है। इन तमाम चुनौतियों से पार पाते हुए सीएम पुष्कर धामी आगे बढ़ते चले आ रहे हैं। मिशन सिलक्यारा में सभी 41 श्रमिकों के सुरक्षित निकल जाने के बाद सीएम धामी एकबार फिर और मजबूत होकर उभरे हैं। इस सफल अभियान के जरिए उन्होंने एक और लंबी सियासी लकीर खींच दी है। पूरे अभियान के दौरान लगातार ग्राउंड रिपोर्ट पर रह कर उन्होंने अपनी एक कर्मठ छवि पेश की। ग्राउंड जीरो से ही सीएम कैंप ऑफिस चला कर उन्होंने बता दिया कि अब आपदाओं के दौरान उत्तराखंड के सीएम देहरादून, दिल्ली से नहीं, बल्कि प्रभावितों के बीच रह कर सरकार चलाने को ज्यादा तवज्जो देते हैं। श्रमिकों के सुरंग से बाहर आते ही जिस तरह सीएम ने उन्हें गले लगाया, उससे उनकी ममतामयी छवि सामने आई। जोशीमठ भूधंसाव आपदा के बाद सीएम धामी ने उत्तरकाशी सिलक्यारा को भी तमाम मुश्किलों के बावजूद जीत कर अपनी एक मजबूत छवि पेश की।
जुलाई 2021 में भी जब सीएम धामी ने सरकार की बागडौर संभाली थी, उस दौर में भाजपा की स्थिति बेहद नाजुक थी। खुद भाजपा के तमाम दिग्गज भाजपा की चुनाव में जीत बामुश्किल दहाई के आंकड़े तक सीमित मान रही थी, उस दौर में भाजपा को प्रचंड जीत दिलाने में सीएम धामी की बेहद असरदार भूमिका रही। दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही पुरानी सरकारों के भर्ती घोटालों से निपटते हुए घोटालेबाजों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया। सख्त नकल कानून बना कर पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई। युवाओं को भर्ती में एक पारदर्शी सिस्टम विकसित कर दिया। अंकिता भंडारी के हत्यारों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा।
भले ही विरोधियों ने भर्ती घोटालों और अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सीएम धामी को घेरने और बदनाम करने की भरसक कोशिश की, लेकिन सीएम धामी ने आक्रामक कार्रवाई कर पूरे प्रदेश के लोगों का दिल जीतने का काम किया। कॉमन सिविल कोड, अवैध जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया। सरकारी जमीनों पर अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त कर अतिक्रमण के खिलाफ सख्त रुख दिखाया। इन तमाम संकटों से पार पाते हुए सीएम धामी जब राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ा रहे थे, तभी जोशीमठ भूधंसाव का एक नया संकट खड़ा हो गया।
उस दौरान भी सीएम धामी ने ज्यादातर समय प्रभावितों के साथ गुजारा। सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम को ग्राउंड जीरो पर उतार प्रशासनिक कौशल दिखाया। जोशीमठ आपदा में भी सीएम धामी ने स्थिति को बेहतर तरीके से संभाल कर प्रभावितों के जख्मों को भरने का काम किया। एक के बाद एक आई आपदाओं, मुसीबतों से पार पाते हुए सीएम धामी ने साबित कर दिया कि वे ऐसे ही पीएम नरेंद्र मोदी के चहेते नहीं हैं।

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