सीएम पुष्कर धामी ने अग्निपथ योजना’ के माध्यम से नौजवानों के लिए भारतीय सेना के द्वार खोलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जताया आभार
देहरादून।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘अग्निपथ योजना’ के माध्यम से नौजवानों के लिए भारतीय सेना के द्वार खोलने हेतु माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ योजना’ के माध्यम से भारत की सैन्य ताकत को मजबूती मिलने के साथ ही युवाओं की कौशलता और प्रतिबद्धता में भी खासा सुधार आएगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को बलवीर रोड स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि भारतीय रक्षा व्यवस्था को लेकर पिछले कुछ सालों में कई बड़े सुधार देखने को मिले हैं। अग्निपथ योजना को लागू करने का जो निर्णय लिया गया है, उससे देश के नौजवान चार साल की सेवा सेना में दे सकेंगे। इस योजना से अग्निवीर तैयार किए जाएंगे, देश के नौजवान आर्म फोर्स में जा सकेंगे। उन्हें नई तकनीक से ट्रेंड किया जाएगा और देश को हाई स्किल आर्म फोर्स मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने की दृष्टि से यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती कराया जाएगा, इस दौरान अग्निवीरों को अच्छा वेतन मिलेगा। सेना की चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए अन्य अवसर दिए जाएंगे। चार साल की नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत जो जवान चार साल बाद यहाँ से निकलेंगे, उत्तराखण्ड सरकार ऐसे अग्निवीरों को पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता से अवसर देगी। 17 साल 06 माह से 21 साल के युवा, 10/12वीं के छात्र आवेदन कर सकेंगे। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके परिजनों को सेवा निधि के अन्तर्गत 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ब्याज समेत मिलेगी, इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। वहीं अगर कोई अग्निवीर डिसेबल हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी, इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा देश के सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया है। सैनिकों की अनेक लंबित मांगों की स्वीकृतियां प्रदान की। आज भारत रक्षा के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा है।