राज्य में आठ हजार लोग अब नहीं होंगे बेदखल, सीएम त्रिवेंद्र ने निभाया वादा
देहरादून।
राज्य में आठ हजार परिवारों के ऊपर मंडरा रहा बेदखली का खतरा सीएम त्रिवेंद्र रावत की घोषणा के बाद टल गया। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि बाजपुर में अब कोई परिवार बेदखल नहीं होगा। सरकार ने उनके लिए रास्ता निकाला है। लोगों से ये वादा किया गया था। आठ हजार परिवारों को लाभ मिलेगा। अब इन परिवारों के अधिकार उन्हें दे दिए गए हैं। वे अब इन जमीनों के मालिक हैं। वे अब यहां खेती करने के साथ ही कर्ज ले सकेंगे। उनके हक हकूक बने रहेंगे।
बाजपुर में लोगों को जिलाधिकारी के बेदखली आदेशों से अब राहत मिलेगी। मुख्य राजस्व आयुक्त ओम प्रकाश ने जिलाधिकारी यूएसनगर के फरवरी 2020 में किए गए आदेश में संशोधन कर दिया है। अब जिलाधिकारी को दोबारा लोगों का पक्ष सुनते हुए नये सिरे से सुनवाई के आदेश दिए हैं। सुनवाई चलने तक लोग अपनी जमीनों पर खेती करने के साथ ही पूर्व की तरह बैंकों से ऋण लेने की कार्रवाई भी कर सकेंगे।
बाजपुर में आठ हजार परिवारों को जिलाधिकारी यूएसनगर ने फरवरी में बेदखली का आदेश जारी कर दिया था। ये 1033.71 एकड़ वो जमीन थी, जिसे 1907 में श्याम स्वरूप भटनागर को 99 साल की लीज पर दिया गया था। एक अगस्त 1969 को जमींदारी विनाश अधिनियम आने के बाद ये जमीनें सीलिंग के दायरे में आ गई थी। इन जमीनों को सरकार में निहित करना शुरू किया गया। सालों तक इन जमीनों को लेकर कोर्ट कचहरी चलती रही। इसके बाद भी लोग इन जमीनों पर काम करते रहे। जमीनों की खरीद फरोख्त भी जारी रही। किसान इन जमीनों पर बैंकों से कर्ज भी लेते रहे। इस बीच फरवरी 2020 में जिलाधिकारी ने बेदखली का आदेश कर दिया। इस आदेश को मुख्य राजस्व आयुक्त कार्यालय में चुनौती दी गई। इस आदेश पर सीआरसी ने डीएम को लोगों का पक्ष नये सिरे से सुनने के लिए कहा है। ऐसे में आठ हजार परिवारों पर तत्काल लटकी बेदखली की तलवार हट गई है।