सीएम की अफसरों को हिदायत, योजनाओं में न हो देरी, सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम ने अफसरों को कसा, बैठक में जो निर्देश दिए गए, उन्हें अगली बैठक तक किया जाए पूरा

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सीएम की अफसरों को हिदायत, योजनाओं में न हो देरी, सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम ने अफसरों को कसा, बैठक में जो निर्देश दिए गए, उन्हें अगली बैठक तक किया जाए पूरा


देहरादून।

सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दो टूक कहा कि योजनाओं में किसी भी तरह की देरी न हो। हर योजना अपनी तय समय अवधि में पूरी हो। समीक्षा बैठकों में जो भी निर्देश दिए जाते हैं, उन्हें हर हाल में पूरा किया जाए। अगली बैठक में बाकायदा उसका पूरा ब्यौरा भी सामने रखा जाए।
सचिवालय में समीक्षा बैठक में सीएम ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के शहरी क्षेत्रों के लिए ड्रेनेज प्लान जल्द बनाया जाए। जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। जलाशयों की क्षमता वृद्धि के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। सीएम ने कहा कि सिंचाई विभाग की अगली बैठक कब होगी, यह आज ही तय किया जाए। सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि बैठक में जो भी निर्णय लिए जाते हैं और जो लक्ष्य दिये जा रहे हैं, उनकी प्रगति की सम्पूर्ण जानकारी अगली बैठक में प्रस्तुत की जाए।
सीएम ने कहा कि सौंग और जमरानी बहुद्देशीय परियोजना पेयजल एवं सिंचाई के लिहाज से बेहद अहम हैं। सौंग बांध से जुड़ी सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी की जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि परियोजनाओं में देरी न हो। यदि कहीं कोई समस्या आ रही है, तो ऐसे मामले उच्च स्तर पर लाए जाएं। कहा कि कोलीढ़ेक, थरकोट झील और गगास जलाशय का निर्माण काम जल्द पूरा किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि योजना पूर्ण होने की जो अवधि तय की गई है, वह उसी में पूरी हो। ब्लॉक स्तर पर एक एक गांव में पॉयलेट बेस पर स्प्रिंकलर आधारित सिंचाई की जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, एचसी सेमवाल, एसएन पाण्डेय, अपर सचिव ललित मोहन रयाल, सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष मुकेश मोहन मौजूद रहे।

दस साल का रोडमैप बनाएं अफसर
सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि अगले 10 सालों का रोडमैप बनाया जाए। सभी विभाग 2025 तक बेस्ट प्रैक्टिस के तौर पर धरातल पर क्या कार्य कर सकते हैं, इसका प्लान बनाएं। कहा कि सिंचाई विभाग को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पांच सालों में राज्य की जीडीपी को दोगुना करने के लिए सभी विभागों को तेजी से कार्य करने होंगे। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जाए। जिलों में मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए। जिसमें कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारी भी हों। सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि और उद्यान विभाग के साथ समन्वय से कार्य करें।

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