सहकारी बैंकों, सहकारी समिति के लोन डिफॉल्टर पर कड़ी कार्रवाई, एक सहकारी पर्यवेक्षक निलंबित, चार सचिवों को नोटिस, उप निबंधक गढ़वाल ने दिए कार्रवाई के निर्देश, एक महीने का अल्टीमेटम
देहरादून।
सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों के डिफॉल्टर पर एक्शन शुरू हो गया है। एक सहकारी पर्यवेक्षक को निलंबित करने के साथ ही चार सचिवों को नोटिस जारी कर दिया गया है। एक महीने में ऋण वसूली न होने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है।
उप निबंधक सहकारी समिति गढ़वाल मान सिंह सैनी की ओर से गोवर्धन सहकारी पूर्ति भंडार हरिद्वार के सहकारी पर्यवेक्षक राजेंद्र प्रसाद को निलंबित करने के आदेश किए गए। राजेंद्र प्रसाद पर सवाई बीज योजना में सही पात्रों को लाभ न देने और वसूली न करने का आरोप है। इसके कारण विभाग को चार लाख का नुकसान हुआ। भगवानपुर सहकारी समिति के साढ़े चार करोड़ के बकाया ऋण पर सचिव हरि प्रसाद और तेजूपुर समिति में साढ़े तीन करोड़ की ऋण वसूली न होने पर सचिव सुशील कुमार को नोटिस जारी किया। एक महीने में ऋण वसूली न होने पर इनके खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई होगी। इसके साथ ही उप निबंधक की ओर से चुड़ियाला और धनपुरा सहकारी समिति के सचिवों को भी नोटिस जारी किए गए।
उप निबंधक ने बताया कि एनपीए वसूली को लेकर सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत की ओर से सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। इसी के क्रम में गढ़वाल मंडल में अभियान तेज कर दिया गया है। 18 दिसंबर को देहरादून और 23 दिसंबर को पौड़ी जिले में एनपीए वसूली की समीक्षा है। जहां भी लापरवाही, गड़बड़ी पाई जा रही है, तत्काल कार्रवाई की जा रही है।