पदोन्नति में समाप्त हो दुर्गम की सेवा का मानक, कर्मचारियों की मांग
जीटी रिपोर्टर देहरादून।
पदोन्नति में दुर्गम की सेवा के अनिवार्य मानक को कर्मचारियों ने पूरी तरह समाप्त किए जाने की मांग की। उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने सरकार के संक्रमणकाल की अवधि दो वर्ष 2022 तक बढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत किया, लेकिन इसे अस्थायी समाधान बताया। एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि पहली और दूसरी पदोन्नति के लिए सरकार का नियम है कि 50 प्रतिशत सेवा दुर्गम में अनिवार्य होनी चाहिए। जिसे पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं। राज्य में विभागों में मैदान में पद अधिक है, जबकि पहाड़ में पद कम हैं। ऐसे में पहाड़ों पर दुर्गम सेवा का मानक पूरा नहीं हो पा रहा है। ऊपर से तबादला एक्ट में सिर्फ दस प्रतिशत तबादला का नियम अलग से है। आए दिन तबादला सत्र शून्य घोषित हो रहे हैं। इन हालात में कोई भी कर्मचारी दुर्गम सेवा के मानक को कैसे पूरा करेगा। कहा कि ऐसे में बेहतर यही होगा कि पदोन्नति में दुर्गम सेवा के मानक को पूरी तरह समाप्त किया जाए।