वर्ष 2005 के बाद आए कार्मिकों को जीपीएफ सुविधा, लिपिक एवं लेखा संवर्ग के कार्मिकों के ग्रेड वेतन उच्चीकृत किए जाने की मांग, पुरानी एसीपी, लंबित प्रमोशन को बिजली कर्मचारियों ने बनाया दबाव
देहरादून।
ऊर्जा ऑफिसर्स, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने पुरानी एसीपी 9, 5, 5 की व्यवस्था जल्द बहाल किए जाने की मांग को लेकर दबाव तेज कर दिया है। एसोसिएशन की बैठक में तय हुआ कि सभी लंबित मांगों का निस्तारण तय समय के भीतर पूरा न हुआ, तो आंदोलन तय है।
ईसी रोड स्थित कार्यालय में हुई बैठक में केंद्रीय अध्यक्ष डीसी गुरुरानी ने कहा कि सातवें वेतनमान में कर्मचारियों पर जबरन नई एसीपी को थोपा गया है। इस नई व्यवस्था से कर्मचारियों को बड़ा वित्तीय नुकसान हो रहा है। जो समयमान वेतनमान का लाभ पहले 9,5, 5 वर्ष पर मिलना था, वो अब 10, 20, 30 वर्ष पर मिल रहा है। कर्मचारियों को अधिक इंतजार करना पड़ रहा है। सबसे बड़ा वित्तीय नुकसान हर महीने हो रहा है।
बैठक में प्रमोशनों में हो रही देरी पर भी सवाल उठाए गए। पदाधिकारियों ने कहा कि न तो लिपिक संवर्ग से सहायक लेखाकार और न ही तकनीकी संवर्ग से जूनियर इंजीनियर के पद पर प्रमोशन हो रहे हैं। यूपीसीएल में सबसे अधिक लापवाही बरती जा रही है। जूनियर इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर पद पर भी प्रमोशन नहीं किए जा रहे हैं। 2005 के बाद आए कर्मचारियों को जीपीएफ सुविधा का लाभ नहीं दिया जा रहा है। लिपिक एवं लेखा संवर्ग के कामिैकों को ग्रेड वेतन का लाभ अन्य विभागों के कर्मचारियों की भांति नहीं दिया जा रहा है।
तय हुआ कि यदि जल्द मांगों का निस्तारण नहीं होता, तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। बैठक में डीसी गुरुरानी, गंगा सिह ल्वाल, डीके कश्यप, मनोज रावत, संजू मधवाल, शिवानी गोदियाल, आशय भारती, मोना असवाल, पीएस नेगी, दिनेश चौहान, संजीव कुमार, नितेश भट्ट, धर्मेंद्र, बीडी यादव, दीपक पांडे, दिनेश उनियाल आदि मैजूद रहे।