यूपीसीएल में इंजीनियरों की मिलीभगत से नहीं होगा करोड़ों का नुकसान, बड़े विवादों से बचाने, विवादों के निस्तारण को एमडी की अध्यक्षता में विवाद निस्तारण कमेटी का गठन 

0
59

यूपीसीएल में इंजीनियरों की मिलीभगत से नहीं होगा करोड़ों का नुकसान, बड़े विवादों से बचाने, विवादों के निस्तारण को एमडी की अध्यक्षता में विवाद निस्तारण कमेटी का गठन

देहरादून।

यूपीसीएल को बड़े कॉरपोरेट स्तर के विवादों के कारण भविष्य में करोड़ों का नुकसान न हो, इसके लिए एमडी की अध्यक्षता में कॉरपोरेट स्तर की विवाद निस्तारण समिति का गठन कर दिया गया है। कॉरपोरेट स्तर के जिन प्रकरणों का निस्तारण डिवीजन स्तर पर नहीं हो पाएगा, उन प्रकरणों का तेजी के साथ इस कमेटी के जरिए निस्तारण होगा। ऐसे में अब यूपीसीएल को जिटको जैसे प्रकरणों का नुकसान नहीं उठाना होगा। जिसमें यूपीसीएल के सामने दो करोड़ के काम के अब 32 करोड़ का भुगतान करने की नौबत खड़ी हो गई है।
यूपीसीएल में बिल भुगतान विवाद, निर्माण कार्यों के भुगतान को लेकर कंपनियों के साथ आए दिन विवाद खड़े होते हैं। इन विवादों का समय पर निस्तारण न होने का खामियाजा यूपीसीएल को बड़े नुकसान के रूप भुगतना पड़ता है। आईडीपीएल बिल भुगतान विवाद में यही नुकसान निगम को उठाना पड़ा। इसके साथ ही बिजली योजनाओं के निर्माण से जुड़े विवादों का समय पर निस्तारण न होने वित्तीय नुकसान उठाने पड़े हैं। पूर्व में जिटको कंपनी के साथ विवाद में आर्बिटेशन में दो करोड़ के काम के 32 करोड़ भुगतान करने का फैसला यूपीसीएल के खिलाफ आया। यूपीसीएल ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में यूपीसीएल पर प्रतिदिन साढ़े 12 प्रतिशत की दर से एक लाख का जुर्माना अलग से बढ़ रहा है। ऐसे मामलों से बचने को कमेटी गठन के आदेश एमडी नीरज खैरवाल की ओर से जारी किए गए।

ये रहा जिटको विवाद
साल 2004 में यूपीसीएल ने जिटको कंपनी से बिजली घर बनाने और अन्य कामों के लिए 30 करोड़ रुपए के छह एग्रीमेंट किए। इस पर 28 करोड़ से ज्यादा का भुगतान हुआ, लेकिन यूपीसीएल के कुछ अफसरों ने कई काम एग्रीमेंट से बाहर जाकर कराए और भुगतान के वक्त दो करोड़ की फाइल रोक दी। इसके बाद फाइल रोके जाने पर जब कंपनी कोर्ट पहुंची तो कोर्ट के निर्देश पर आर्बिट्रेटर नियुक्त हुए और 2 करोड़ रुपए के काम का 32 करोड़ के भुगतान का फैसला यूपीसीएल के खिलाफ आया।

13 इंजीनियरों को हो चुकी है चार्जशीट
जिटको विवाद में यूपीसीएल के 13 इंजीनियरों को चार्जशीट तक हो चुकी है। चार्जशीट के बाद इस मामले की जांच मुख्य अभियंता सतीश शाह कर रहे हैं। उनकी जांच रिपोर्ट के बाद इस मसले पर आगे फैसला होगा।

ये है समिति के सदस्य
एमडी यूपीसीएल अध्यक्ष, निदेशक प्रोजेक्ट, ऑपरेशन, वित्त सदस्य, मुख्य अभियंता कमर्शियल सदस्य सचिव, स्थानीय अधिशासी अभियंता को शामिल किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here