टिहरी जिला सहकारी बैंक ने सभी बैंकों को वसूली में पीछे धकेला, रिकार्ड सवा 21 करोड़ वसूले, राज्य सहकारी बैंक समेत डीसीबी देहरादून तक को पीछे छोड़ा, बड़े बैंकों का रिकॉर्ड खराब, सहकारी बैंकों ने वसूला रिकॉर्ड सवा अरब एनपीए

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टिहरी जिला सहकारी बैंक ने सभी बैंकों को वसूली में पीछे धकेला, रिकार्ड सवा 21 करोड़ वसूले, राज्य सहकारी बैंक समेत डीसीबी देहरादून तक को पीछे छोड़ा, बड़े बैंकों का रिकॉर्ड खराब, सहकारी बैंकों ने वसूला रिकॉर्ड सवा अरब एनपीए

देहरादून।

राज्य के सहकारी बैंकों ने इस बार रिकॉर्ड ऋण वसूली की है। इस बार अभी तक सवा अरब रुपये की ऋण वसूली के रूप में एनपीए वसूल किया जा चुका है। इस वसूली में टिहरी जिला सहकारी बैंक सबसे अधिक सवा 21 करोड़ रुपये वसूल कर अव्वल रहा है। उसने राज्य सहकारी बैंक समेत देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल जैसे बड़े बैंकों को भी वसूली में पछाड़ दिया।
राज्य के 11 कॉपरेटिव बैंको ने 23 फरवरी तक 1.22 अरब रुपये एनपीए वसूल लिया है। जो अपने आप में अभी तक का रिकॉर्ड है। टिहरी बैंक ने 21.24 करोड़, देहरादून ने 15.82 करोड़, राज्य सहकारी बैंक 15.60 करोड़, हरिद्वार 9.59 करोड़, उत्तरकाशी 8.97 करोड़, चमोली 8.97 करोड़, कोटद्वार 8.39 करोड़, 6.34 करोड़, नैनीताल 2.70 करोड़, अल्मोड़ा 2.28 करोड़, यूएसनगर 1.76 करोड़ रुपये वसूले।
राज्य सहकारी बैंक का एनपीए 1.86 अरब है। जबकि उसकी वसूली सिर्फ 15.60 करोड़ है। टिहरी बैंक का एनपीए 60 करोड़ के करीब है, लेकिन उसने वसूली सवा 21 करोड़ कर ली है। सभी 10 जिला सहकारी बैंकों का एनपीए 4.89 अरब है। इसमें 1.22 करोड़ वसूली हो चुकी है। सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि वसूली अभियान तेजी से चल रहा है। इस बार पूरा प्रयास किया जा रहा है कि अधिक से अधिक ऋण वसूली सुनिश्चित की जा सके। जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष सुभाष रमोला ने बताया कि बड़े बकाएदारों से वसूली पर पूरा फोकस किया जा रहा है। छोटे छोटे बकाएदारों को मानक अनुसार पूरा मौका दिया जा रहा है। ताकि आम आदमी को दिक्कत न हो और बड़े बकाएदार बच न सकें।

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