फिर तेज हुई पेयजल निगम के राजकीयकरण मांग, अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने उठाई आवाज 

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फिर तेज हुई पेयजल निगम के राजकीयकरण मांग, अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने उठाई आवाज

देहरादून।

पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने पेयजल निगम के राजकीयकरण की मांग की। राजकीयकरण होने तक नियमित वेतन भुगतान पर जोर दिया।
समिति की ऑनलाइन बैठक में राजकीयकरण के मसले को जोर शोर से उठाया गया। अध्यक्ष जितेंद्र सिंह देव और महामंत्री विजय खाली ने कहा कि राजकीयकरण को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है। हर बार मांग को अनसुना कर दिया जा रहा है। समितियों में उलझा कर रख दिया जा रहा है। दस सालों में तमाम समितियों की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। कई पूर्व मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में भी समिति बनी, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। जबकि देश के दूसरे राज्यों में पेयजल सेक्टर राजकीय विभाग है। इसके बाद भी उत्तराखंड में इतने अहम विभाग को राजकीय नहीं बनाया जा रहा है।
इसके कारण कर्मचारियों के सामने हर महीने वेतन, पेंशन का संकट खड़ा हो जा रहा है। इस समस्या का समाधान तभी होगा, जब पेयजल निगम को राजकीय विभाग बनाया जाएगा। क्योंकि कोरोना जैसे संकट में भी कर्मचारी बिना वेतन के काम करने को मजबूर हैं। समिति ने रिटायर कर्मचारियों के लंबित एरियर, ग्रेच्युटी, नगदीकरण, राशिकरण समेत अन्य लंबित सुविधाओं का भुगतान किए जाने की मांग की। अटल आयुष्मान योजना तत्काल पेयजल निगम में लागू किए जाने की मांग की। निगम में चयनित जूनियर इंजीनियरों के प्रमाण पत्र सत्यापन के काम में तेजी लाकर भर्ती आदेश जारी किए जाने की मांग की। बैठक में राजेश गुप्ता, रामकुमार, अजय बेलवाल, अरविंद सजवाण, पीएस रावत, धर्मेंद्र चौधरी, मनमोहन नेगी, आरके रोनिवाल, ईश्वरपाल शर्मा, लक्ष्मी नारायण भट्ट आदि मौजूद रहे।

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