जल जीवन मिशन को लेकर पेयजल मंत्री सख्त, अफसरों को अगस्त तक सभी डीपीआर बनाने के दिए निर्देश, सितंबर तक हर हाल में शुरू किया जाए योजनाओं का निर्माण 

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जल जीवन मिशन को लेकर पेयजल मंत्री सख्त, अफसरों को अगस्त तक सभी डीपीआर बनाने के दिए निर्देश, सितंबर तक हर हाल में शुरू किया जाए योजनाओं का निर्माण

देहरादून।

जल जीवन मिशन को लेकर पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने सख्त रुख अपनाते हुए अफसरों को अगस्त तक सभी डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। ताकि सितंबर तक हर हाल में योजनाओं का निर्माण शुरू हो सके।
प्रदेश के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने पेयजल विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन की योजनाओं से सम्बन्धित डीपीआर अगस्त माह तक पूर्ण कर लिया जाए। टेंडर का काम सितम्बर से शुरू करा दिया जाय। बरसाती जल स्रोत से टैंक के माध्यम से जल संग्रह कर पेयजल हेतु उपयोग किया जाए। इस सम्बन्ध में उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत चलायी जाने वाली योजना के अतिरिक्त ग्राम पंचायत के माध्यम से पेयजल योजना का उपयोग करने का निर्देश दिया। कहा कि इस योजना के तहत ग्राम पंचायत के माध्यम से उन क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया जाय जहां पेयजल की समस्या है अथवा पानी का स्रोत नही है। पंचायत के माध्यम से इस कार्य के लिए लगभग 300 करोड़ रूपये के बजट का उपयोग किया जाएगा।
पहाड़ी क्षेत्र में आठ से दस किमी के बीच बहुत से स्थान हैं जहां जल स्रोत नहीं हैं। यहां पेयजल की समस्या है। ऐसे क्षेत्रों में बरसाती जल स्रोत का उपयोग ढाई लाख लीटर क्षमता वाले टैंक में संग्रह कर साफ सफाई के बाद बरसात के बाद भी पेयजल के लिए उपयोग किया जाएगा। बरसाती जल स्रोत का उपयोग परम्परागत रूप में भी किया जाता रहा है। इसकी लागत भी बेहद कम आएगी। ऐसे क्षेत्रों को भी चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है जहां पेयजल की मात्रा कम है। इस अवसर सचिव नितेश झा, अपर सचिव पेयजल नितिन भदौरिया, मुख्य महाप्रबन्धक जल संस्थान एसके शर्मा, मुख्य अभियन्ता विजय पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

पहले चरण में अफसरों को नहीं रहा धरातल का अनुभव
घरों में सूखे नल खड़े होने के मामले में पेयजल मंत्री ने कहा कि पहले चरण में अफसरों को धरातल का अनुभव नहीं रहा। स्रोतों, योजनाओं पर काम किए बिना ही घरों को कनेक्शन दे दिए गए। इससे पहले चरण में ये दिक्कत आई। इसे दूर किया जा रहा है।

सोलर पम्पिंग का लेंगे सहारा
पेयजल मंत्री ने कहा कि कई गांवों में स्रोतों से ऊपर गांव हैं। ऐसे में यहां कम ऊंचाई वाले गांवों में सोलर पंपिंग का सहारा लिया जाएगा। इसके साथ ही ग्रेविटी की योजनाओं के जरिए भी पानी पहुंचाया जाएगा।

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