राज्य में लगातार बारिश से पर्वतीय जिलों में सड़कों के बंद होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को राज्य में 270 सड़कों पर यातायात ठप रहा। इनमें पांच एनएच, 13 स्टेट हाईवे और 11 जिला मार्ग हैं।
जीटी रिपोरटर देहरादून
लोक निर्माण विभाग ने बताया कि गुरुवार को 134 सड़कें बंद हुई जबकि 96 सड़कें खोल दी गईं। इसके बाद अब 270 सड़कें बंद हैं। इनमें लोनिवि की 157 जबकि पीएमजीएसवाई की 113 सड़कें बंद हैं।
चमोली जिले में पिछले 5-6 दिनों में रात को हो रही भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। भूस्खलन और सड़कों पर आ रहे मलबे ने यहां सड़कों पर आवागमन की राह रोक दी है । हाफला पोखरी सड़क पर आये मलबे से सड़क बाधित होने से प्रसव पीड़ा में तड़पती एक महिला को सड़क पर बच्चे को जन्म देना पड़ा ।
नैल गांव की नीमा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन पोखरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जा रहे थे पर मार्ग बाधित होने पर कई घंटों तक सड़क नहीं खुली तो विवश होकर उसे सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा । ये सड़क गुरुवार को भी नहीं खुल पायी ।
जिले में भूस्खलन और जमीन दरकने की घटना रोज सामने आ रही है। गुरुवार को पीपलकोटी के सल्ला गांव के बसंतू लाल का घर अचानक भरभरा कर जमीन दोज हो गया। गनीमत रही कि जिस समय यह घटना हुयी बसंतू लाल उनकी पत्नी और पोता घर के बाहर थे। बुधवार की रात्रि को आयी भारी बारिश से उसका आवास इस कदर प्रभावित हुआ कि गुरुवार को धूप निकलने पर अचानक घर की दीवार छत सब जमींदोज हो गया । उसका सारा सामान भी दब गया।
बदरीनाथ हाईवे पर आए बोल्डरों और मलबे से हाईवे जगह-जगह खतरनाक बना हुआ है । टंगणी पागल नाला , भनेर पानी , क्षेत्रपाल ‘ चाढ़ा खतरनाक स्पाट बने हैं। गुरुवार को इस मार्ग पर एक वाहन दलदल में अचानक धंस गया । उसमें सवारी भी थी। किसी तरह सवारी बाहर निकली और भारी मशक्कत के बाद वाहन को निकाला गया । गोपेश्वर मंडल चोपता सड़क पर भारी मलबा आने से पूरी सड़क खस्ता हाल हो गयी है।
प्रदेशभर में 270 सड़कें बंद, चार धाम रूट पर भी ट्रैफिक प्रभावितजिले में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह बाधित रहा।
जहां ग्रामीणों को घंटों इंतजार कर भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिले में बीते कुछ दिनों से लगतार बारिश हो रही है। बारिश के कारण बुधवार देर सांय को गंगोत्री हाईवे स्वारीगाड एवं बार्सू के पास भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा जमा हो गया। मार्ग बंद होने की सूचना पर गुरुवार सुबह को बीआरओ की ओर दोपहर 2.30 बजे तक खोल दिया गया था।
हाईवे बंद होने से दोनों स्थानों पर वाहन घंटो तक फंसे रहे। उधर, पालीगाड व कुथनौर के पास भी यमुनोत्री हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा व बोल्डर आने से बंद हो गया। एनएच की ओर से मार्ग खोलने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं जनपद में बुधवार देर रात तक हुई भारी बारिश के कारण बसअड्डा के पास सड़क पर जलभराव हो गया। जिसके कारण कई दुकानों में पानी घुसने से दुकानदारों का समान खराब हो गया। दुकानदारों ने प्रशासन से चौक हुई नालियों को खोलने की मांग की।
केदारनाथ पैदल मार्ग छौड़ी गदेरा में भूस्खलन होने से बंद हो गया, जिससे यहां यात्रियों की आवाजाही नहीं हो सकी। घोड़ा पड़ाव और छौड़ी गदेरा में भूस्खलन से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग में रुक-रुककर मलबा पत्थर गिरता रहा। इस दौरान केदारधाम जाने को यहां पहुंचे 20 से अधिक यात्रियों को प्रशासन द्वारा सोनप्रयाग में ही रोका गया।
अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र में हो रही बरसात के कारण पैदल मार्ग चीरबासा, जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली और छानी कैंप में भी काफी संवेदनशील बना हुआ है। इन स्थानों पर पहाडिय़ों से पत्थर गिरने व भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। साथ ही हिमखंड वाले स्थानों पर कीचड़ से फिसलने का खतरा भी हो गया है।