बिजली मीटर की जांच महंगी करने का विरोध, नियामक आयोग में सुनवाई के दौरान आम उपभोक्ताओं के साथ उद्योग जगत ने भी जताया विरोध, यूपीसीएल का 50 रुपए से एक हजार तक होने वाली जांच के रेट 400 से पांच हजार रुपए तक बढ़ाने पर जोर
देहरादून।
बिजली उपभोक्ताओं ने घर के मीटर की जांच समेत दूसरी मदों के रेट बढ़ाने का विरोध किया। उद्योग जगत ने भी यूपीसीएल के प्रस्ताव पर सवाल उठाए। उपभोक्ताओं ने कहा कि निगम का पूरा फोकस रेट बढ़ाने पर होता है, लेकिन सुविधाओं को नहीं बढ़ाया जाता है। नियामक आयोग ने यूपीसीएल को बढ़ी हुई दरों का औचित्य के साथ 15 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।
विद्युत नियामक आयोग में घरेलू सिंगल फेस मीटर से लेकर उद्योगों के मीटर की जांच के रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर बुधवार को सुनवाई हुई। घरेलू उपभोक्ता वीरू बिष्ट ने कहा कि रेट जरूर बढ़ाए जाएं, लेकिन इतनी बेतहाशा वृद्धि न हो। इसके साथ ही ये भी देखना होगा कि रेट बढ़ाने वाला निगम उपभोक्ता को क्या सुविधा दे रहा है। क्यों चेक मीटर लगाने की व्यवस्था आज तक पारदर्शी नहीं है। क्यों मीटर जलने पर हमेशा एक हजार रुपये उपभोक्ता से ही क्यों लिए जाते हैं। जबकि मीटर यूपीसीएल की लापरवाही से खराब होते हैं। कनेक्शन पर फ्री मिलने वाली केबिल उपभोक्ताओं को नहीं मिलती। इस तरह की जनसुनवाई की सूचना तक उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती।
इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि रेट बढ़ाने से पहले उपभोक्ता सुविधाओं का ख्याल रखा जाए। आयोग के उद्योगों के पीक ऑवर्स में बदलाव के फैसले को तो अभी तक निगम लागू नहीं कर पाया है। इसका उद्योगों को नुकसान हो रहा है। दूसरी ओर ऊर्जा निगम की ओर से एसई गौरव शर्मा ने तर्क दिया कि 15 साल से बिजली के मीटर की जांच के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जबकि इस बीच महंगाई कई गुना बढ़ गई है। पुरानी दरों पर मीटर की जांच कराना आसान नहीं है। आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यूपीसीएल को बढ़ी हुई दरों के प्रस्ताव पर औचित्य के साथ 15 दिन के भीतर जवाब देने को कहा। सुनवाई में कार्यवाहक अध्यक्ष डीपी गैरोला, सदस्य एमके जैन आदि मौजूद रहे।
कनेक्शन कटने के बाद जुड़वाना भी महंगा
कनेक्शन कटने के बाद उसे जुड़वाना भी महंगा करने का प्रस्ताव किया गया। पहले लंबित शुल्क का न्यूनतम 50 प्रतिशत जमा कराना होगा। 75 किलोवाट से अधिक भार वाले कनेक्शन पर 600 रुपये की जगह 1200 रुपये, 75 किवा तक 400 रुपये की जगह 800 रुपये, अन्य सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को 200 रुपये की जगह 400 रुपये जमा कराने होंगे। मीटर बोर्ड की मौजूदा स्थिति में बदलाव के लिए भी 100 रुपये की जगह 200 रुपये देने होंगे। कैपेसिटर्स की जांच के लिए भी शुल्क देना होगा। 400 वोल्ट, 230 वोल्ट पर 150 की जगह 300 रुपये, 11 केवी व इससे अधिक पर 300 की जगह 600 रुपये, मीटर की विशेष रीडिंग के लिए 100 रुपये शुल्क देना होगा।
मीटर मौजूदा दर प्रस्तावित दर
सिंगल फेज 50 रुपये 400 रुपये
थ्री फेज 75 रुपये 500 रुपये
एलटी ट्राई वेक्टर 170 रुपये 2000 रुपये
11 केवी ट्राई वेक्टर मीटर 350 रुपये 3000 रुपये
33 केवी ट्राई वेक्टर मीटर 1000 रुपये 5000 रुपये