विद्युत डिप्लोमा इंजीनियरों ने रखा उपवास, शासन के खिलाफ खोला मोर्चा, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने भी दिया समर्थन 

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विद्युत डिप्लोमा इंजीनियरों ने रखा उपवास, शासन के खिलाफ खोला मोर्चा, डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने भी दिया समर्थन

देहरादून।

विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन ने आंदोलन तेज कर दिया है। इंजीनियरों ने यूजेवीएनएल मुख्यालय में उपवास रख विरोध जताया। मांगों के निस्तारण को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाया। एसोसिएशन के उपवास आंदोलन को उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने भी अपना समर्थन दिया।
तयशुदा कार्यक्रम के तहत गुरुवार को एसोसिएशन से जुड़े इंजीनियर यूजेवीएनएल मुख्यालय पहुंचे। गुरुवार को उपवास कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अशोक शर्मा ने कहा कि जिन मांगों को बहुत पहले निस्तारित हो जाना चाहिए था, उन्हें आज तक लटका कर रखा गया है। ये सीधे तौर पर कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न है। नीरज तिवाड़ी ने कहा कि मांगों का जल्द हल न होने से इंजीनियरों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है। कई मांगे तो ऐसी हैं, जिनका समाधान प्रबंधन स्तर से ही होना है। उन्हें भी उलझाया जा रहा है।
अध्यक्ष पंकज सैनी और महासचिव विक्कीदास ने कहा कि शासन, प्रबंधन को मांगों के निस्तारण को लेकर पर्याप्त समय दिया जा रहा है। इसके बाद भी यदि मांगे नहीं मानी जाती, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। बेहतर यही रहेगा कि टकराव के हालात पैदा ही न हों। एसोसिएशन ने तबादलों में अनियमितता और भेदभाव का आरोप लगाया। पदाधिकारियों ने कहा कि इससे इंजीनियरों का मनोबल प्रभावित हो रहा है। किसी को हमेशा मनचाही पोस्टिंग मिल रही है। तो कुछ को दुर्गम से नीचे लाया ही नहीं जा रहा है।
महासंघ अध्यक्ष हरीश नौटियाल ने कहा कि पॉवर सेक्टर में जूनियर इंजीनियर बेहद अहम कड़ी है। इन लोगों की जायज मांगों का प्राथमिकता पर हल होना चाहिए। कहा कि आंदोलन को पूरा समर्थन दिया जाएगा। उपवास में इंसारुल हक, प्रदीप कंसल, डीसी ध्यानी, केहर सिंह, सुनील मोगा, मोहम्मद अनीस, अरविंद बहुगुणा, देवेंद्र चौहान, अखिलेश पांडे, प्रदीप शर्मा, भानू जोशी, हंसराज सैनी, यशपाल मेहर, शलभ वर्मा, संदीप नेगी, पवन बिजल्वाण, पूजा रानी, नीतू धीमान, अनुज तिवारी, नितिन आर्य, विनोद कुमार, जावेद अंसारी, पुनीत अरोरा, संजीव कुमार, सुशील टम्टा, प्रदीप बागड़ी, अनुज शर्मा मौजूद रहे।

ये हैं प्रमुख मांगे

1– तीनों विद्युत निगमों में जूनियर इंजीनियरों को को ग्रेड वेतन 4600 का लाभ शासन के अन्य इंजीनियरिंग विभागों के समान एक जनवरी 2009 से काल्पनिक रूप से और एक मार्च 2013 से वास्तविक रूप से दिया जाए

2–ऊर्जा के तीनों निगमों में उत्तराखंड शासन तथा अन्य निगमों की तरह सहायक अभियंता के पद पर डिप्लोमा इंजीनियर जूनियर इंजीनियर को पदोन्नति कोटा 40 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए

3–तीनों ऊर्जा निगम में मौलिक रूप से नियुक्त सभी जेई को एसीपी के तहत पूर्व की भांति 9, 14, 19 वर्ष की सेवा पूरी करने पर एई, एक्सईएन और उप महाप्रबंधक का ग्रेड वेतन पदोन्नत वेतनमान के रूप में दिया जाए

4–साइटों पर ई आरपी में लॉगिन आईडी और आईटी उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं। जल्द उपकरण उपलब्ध कराए जाएं

5–जूनियर इंजीनियर संवर्ग के साथ नई सेवा नियमावली में भेदभाव बंद किया जाए

6–2005 तक नियुक्त कर्मचारियों को शासन के अनुसार जीपीएफ और पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए

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