कर्मचारी के गोल्डन कार्ड में ही दर्ज हो आश्रितों का नाम, आश्रितों की उपस्थिति की अनिवार्यता हो समाप्त, न्यूनतम आय का मानक भी नौ हजार रुपये से 25 हजार किए जाने की मांग 

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कर्मचारी के गोल्डन कार्ड में ही दर्ज हो आश्रितों का नाम, आश्रितों की उपस्थिति की अनिवार्यता हो समाप्त, न्यूनतम आय का मानक भी नौ हजार रुपये से 25 हजार किए जाने की मांग

देहरादून।

कर्मचारियों ने गोल्डन कार्ड में आश्रितों के नाम दर्ज किए जाने को लेकर व्यवस्था बदलने की मांग की। कहा कि अटल आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के गोल्डन कार्ड बनाने में पेश आ रही दिक्कतों को दूर किया जाए।
सीएम त्रिवेंद्र रावत को पत्र भेज कर कहा कि पूर्व में यू हेल्थ कार्ड योजना में सिर्फ कर्मचारी के कार्ड पर ही पूरे परिवार को लाभ मिलता था। उसी तर्ज पर सिर्फ कर्मचारी का गोल्डन बना कर पूरे परिवार को लाभ दिया जाए। गोल्डन कार्ड बनाने को आश्रितों की उपस्थिति की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए। संगठन के अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार और महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि गोल्डन कार्ड बनाने में दिक्कत आ रही है। कर्मचारियों के परिजनों को भी दूर दूर जाकर कार्ड बनाने पड़ रहे हैं। पहाड़ों में तो कई सौ किमी का रास्ता तय करना पड़ रहा है। मौजूदा कोरोना संकट के समय इससे खतरा और अधिक बढ़ रहा है। ऐसे में कार्ड बनाने में पूर्व की यू हेल्थ कार्ड की व्यवस्था को ही गोल्डन कार्ड के मामले में भी लागू किया जाए। कर्मचारी के गोल्डन कार्ड में ही परिजनों का पूरा ब्यौरा दर्ज कर दिया जाए। ताकि कार्ड बनाने में परिजनों की उपस्थिति की जरूरत न पड़े। आश्रितों की उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त की जाए। कहा कि आश्रितों के गोल्डन कार्ड बनाने के मामले में जो न्यूनतम आय का मानक नौ हजार रुपये तय किया गया है। इसमें भी बदलाव किया जाए। कर्मचारी, शिक्षकों के आश्रितों की न्यूनतम आय के मानक को बढ़ा कर 25 हजार रुपये किया जाए। ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके। संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि पेंशनर्स से अंशदान कम लिया जाए। अभी कर्मचारी और पेंशनर्स का योजना में अंशदान एक समान है। जबकि दोनों को होने वाले भुगतान में बड़ा अंतर रहता है। सरकार पेंशनर्स से मौजूदा अंशदान का 50 प्रतिशत ही ले।

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