एसीपी की पूर्व व्यवस्था लागू कराने को लेकर पूरे चार साल जूझते रहे कर्मचारी संगठन, नौकरशाही की ओर से लगाई जा रही अड़चने अब नए निजाम में दूर होने की है उम्मीद, कर्मचारी संगठनों को नई सरकार से उम्मीद, अब बनेगी बात
देहरादून।
नये निजाम में कर्मचारी संगठनों को उम्मीद है कि अब उनकी मुश्किलें हल होंगी। एसीपी की पूर्व व्यवस्था बहाल कराने की जिस मांग को लेकर वे करीब चार साल से जूझ रहे हैं, उस पर नई सरकार आश्वासनों से आगे बढ़ कर काम करेगी। पदोन्नति में शिथिलता का भी लाभ उन्हें मिल सकेगा। सीएम ने सभी कर्मचारी संगठनों को आश्वासन दिया है कि 15 दिन के भीतर उनसे वे एक एक बिंदू पर बात करेंगे।
कर्मचारी संगठनों की मौजूदा समय में सबसे बड़ी मांग एसीपी की पूर्व व्यवस्था को बहाल कराना है। सातवें वेतनमान में एसीपी की व्यवस्था में बड़ा बदलाव हुआ। इससे पहले कर्मचारियों को 10, 16 और 26 वर्ष पर एसीपी का लाभ मिल रहा था। सातवें वेतनमान में व्यवस्था 10, 20, 30 वर्ष कर दी। पॉवर सेक्टर में भी यही व्यवस्था कर दी गई। जबकि यहां कर्मचारियों को 9, 14, 19 वर्ष में ही एसीपी का लाभ मिल जाता था। पॉवर सेक्टर में बड़ा आंदोलन भी हुआ। दिसंबर 2017 में सरकार के साथ लिखित समझौता भी हुआ कि जल्द मांग मान ली जाएगी। बावजूद इसके आज तक कुछ नहीं हुआ। जबकि कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि पड़ोसी राज्य यूपी में कोई बदलाव नहीं किया गया। यहां सरकार गलती मान तो रही है, लेकिन उसमें सुधार नहीं कर रही।
प्रमोशन में शिथिलता भी अटकी
एसीपी के बाद प्रमोशन में पूरे सेवाकाल में एकबार शिथिलता देने का मसला भी लंबे समय से अटका हुआ है। पूर्व मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने एक आदेश कर प्रमोशन में शिथिलता पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने इस आदेश को खारिज कर दिया था। तब से अभी तक शासन स्तर से संशोधित आदेश ही जारी नहीं हुआ।
कर्मचारियों को उम्मीद ही नहीं बल्कि भरोसा भी है कि अब सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच संवादहीनता दूर होगी। एसीपी समेत सभी लंबित मांगों का निस्तारण होगा।
अरुण पांडे, कार्यकारी महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद
सबसे जोखिम भरा काम करने वाले बिजली कर्मचारियों को तत्काल पुरानी एसीपी का लाभ दिया जाना है। प्रमोशन में शिथिलता पर लगी रोक को भी तत्काल हटाया जाना चाहिए।
इंसारुल हक, संयोजक बिजली कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा
जल्द सीएम से मिल कर संगठन अपनी बात सामने रखेगा। जिस नौकरशाही ने मसलों को उलझा दिया है, उसकी भी जानकारी दी जाएगी। जल्द सभी मांगों पर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।
प्रताप पंवार, अध्यक्ष उत्तराखंड पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन
इंजीनियरों को भी एसीपी की पुरानी व्यवस्था से बड़ा नुकसान हो रहा है। इसी वित्तीय नुकसान को दूर करने को जल्द नई व्यवस्था में बदलाव कर पुरानी व्यवस्था लागू किए जाने की मांग हो रही है।
अजय बेलवाल, महासचिव उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ
नौकरशाही ने सब मसलों को उलझाया हुआ है। पूरा विश्वास है कि जल्द निगम कर्मचारियों के मसलों का निस्तारण होगा। निगमों के नियमित वेतन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करानी होगी।
बीएस रावत, राज्य निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ