पुरानी एसीपी का लाभ देने को कर्मचारियों ने बनाया दबाव, राज्य के सभी कर्मचारियों की है एसीपी की पूर्व व्यवस्था लागू करने की मांग, कोरोना संकट निपटने के बाद बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी में कर्मचारी 

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पुरानी एसीपी का लाभ देने को कर्मचारियों ने बनाया दबाव, राज्य के सभी कर्मचारियों की है एसीपी की पूर्व व्यवस्था लागू करने की मांग, कोरोना संकट निपटने के बाद बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी में कर्मचारी

देहरादून।

राज्य के सभी सरकारी और निगम कर्मचारी सवा तीन साल से एश्योर कैरियर प्रोग्रेस(एसीपी) की पूर्व व्यवस्था बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं। कई आंदोलन इस मांग के समर्थन में हो चुके हैं। सरकार की ओर से आश्वासन भी दिए जा चुके हैं। दिसंबर 2017 में शासन स्तर पर समझौता भी हुआ। कर्मचारियों की शिकायत है कि अभी तक उन्हें एसीपी की 10, 16, 26 वर्ष की व्यवस्था का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
राज्य में एसीपी को लेकर दो तरह की व्यवस्था अभी तक मौजूद रही। बिजली कर्मचारियों को छोड़ कर शेष सभी राज्य और निगम कर्मचारियों को 10, 16 और 26 वर्ष में एसीपी का लाभ मिलता रहा है। बिजली कर्मियों को यही लाभ 9, 5, 5 वर्ष पर मिलता था। सातवें वेतनमान की सिफारिशों को लागू करते हुए शासन ने सभी के लिए एक समान 10, 20, 30 वर्ष में सुनिश्चित पदोन्नत वेतनमान का लाभ देने की व्यवस्था कर दी। इससे कर्मचारियों का एसीपी का लाभ मिलने का इंतजार लंबा हो गया। इस नई व्यवस्था को लेकर कर्मचारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कर्मचारी इसे अपने साथ वादाखिलाफी बता रहे हैं।

एसीपी का लाभ पूर्व की तरह देने से सरकार पर किसी भी तरह का वित्तीय भार नहीं बढ़ने वाला। क्योंकि सभी कर्मचारियों को कभी एक साथ एसीपी का लाभ नहीं मिलता। जिसका सेवाकाल के अनुसार जब नंबर आता है, तभी उसे लाभ मिलता है। एक पुरानी व्यवस्था को छोड़ कर सातवें वेतनमान में जो नई व्यवस्था है, वो कर्मचारियों के लिहाज से गलत है। जल्द बदलाव किया जाए।
दीपक जोशी, अध्यक्ष सचिवालय संघ

स्वर्गीय वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने एसीपी की पुरानी व्यवस्था लागू कराने का वादा किया था। उन्हीं के आश्वासन पर कर्मचारियों ने आंदोलन स्थगित किया था। अब इस मामले को उलझाया जा रहा है। कर्मचारियों में इसे लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
अरुण पांडे, कार्यकारी महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद

एसीपी की पूर्व व्यवस्था को सरकार को जल्द से जल्द बहाल करना होगा। सरकार को अपने वादे को निभाना होगा। ऐसा न होने पर इस बार कर्मचारी कोरोना संकट समाप्त होने के बाद नये सिरे से बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।
सूर्यप्रकाश राणाकोटी, महामंत्री राज्य निगम कर्मचारी महासंघ

एसीपी की पूर्व व्यवस्था लागू होने से कर्मचारियों के वेतन पर काफी असर पड़ेगा। जल्द रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन में इसका लाभ मिलेगा। जब सरकार मान चुकी है कि कर्मचारियों की मांग सही है, तो क्यों उसे पूरा नहीं किया जा रहा है।
पंचम सिंह बिष्ट, महासचिव उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन

बिजली कर्मचारी सबसे मुश्किल और जोखिम भरे हालात में काम करते हैं। यही वजह है, जो उन्हें दूसरे कर्मचारियों से हटकर एसीपी की 9, 5, 5 वर्ष की सुविधा का लाभ मिलता था। इसे लेकर बिजली कर्मचारियों में रोष है।
इंसारुल हक, संयोजक बिजली अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा

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