महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के खिलाफ भड़के कर्मचारी, भेदभाव का लगाया आरोप, 14 अक्तूबर को बाइक रैली की तैयारी में जुटे
देहरादून।
मशाल जुलूस निकालने पर कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे का विरोध तेज हो गया है। कर्मचारियों ने भेदभाव का आरोप लगाया। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की बैठक में आगामी आंदोलन की रणनीति तय की गई।
एसोसिएशन ने आठ अक्तूबर को निकाले गए मशाल जुलूस को लेकर कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों का विरोध किया। एसोसिएशन की बैठक में इसे दमनकारी फैसला करार दिया गया। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि एक ओर सत्ताधारी दल के नेता खुलेआम कोरेाना प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। दूसरी ओर लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज हो रहा है। इसका विरोध होगा। कर्मचारी किसी भी दमनकारी नीति से डरने वाले नहीं है। एसोसिएशन की मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा। महामंत्री वीरेंद्र गुसाईं ने कह कि जब तक अध्यक्ष दीपक जोशी के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा। सीधी भर्ती के रोस्टर में बदलाव, पदोन्नति में पूरी तरह आरक्षण समाप्त करने को सरकार को विधेयक लाना होगा। ऑनलाइन बैठक में तय हुआ कि कर्मचारी पूरी ताकत से 14 अक्तूबर को वाहन रैली में शामिल होंगे। बैठक में अध्यक्ष दीपक जोशी, महामंत्री वीरेंद्र गुसाईं, हीरा सिंह बसेड़ा, विनोद धस्माना, चमनलाल, श्यामलाल बिंजौला, कैलाश पुनेठा, आशुतोष सेमवाल, मुकेश ध्यानी, मुकेश बहुगुणा, सीताराम पोखरियाल, सोहन सिंह रावत, डीपी चमोली, विक्रम सिंह, मानवेंद्र बर्त्वाल, वीएस रावत, धीरेंद्र पाठक, भूपेंद्र प्रकाश, देवेंद्र रावत, डीएस सरियाल, राजेंद्र सिंह मौजूद रहे।