जल निगम में 30 जुलाई तक होंगे इंजीनियरों के प्रमोशन, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ को एमडी ने दिया आश्वासन, आश्वासन पर आंदोलन 30 जुलाई तक किया गया स्थगित

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जल निगम में 30 जुलाई तक होंगे इंजीनियरों के प्रमोशन, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ को एमडी ने दिया आश्वासन, आश्वासन पर आंदोलन 30 जुलाई तक किया गया स्थगित


देहरादून।

पेयजल निगम में असिस्टेंट इंजीनियर और अधिशासी अभियंता के खाली पदों पर हर हाल में 30 जुलाई तक प्रमोशन हो जाएंगे। इसके साथ ही वरिष्ठता निर्धारण भी 20 जुलाई तक कर दिया जाएगा। एमडी जल निगम उदयराज की ओर से दिए गए इन आश्वासनों पर डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने प्रस्तावित आंदोलन को स्थगित कर दिया।
जल निगम मुख्यालय में हुई बैठक में संघ पदाधिकारियों ने वर्ष 2018 से अभी तक सहायक अभियंता पद पर वरिष्ठता निर्धारण न किए जाने पर सख्त नाराजगी जताई। साफ किया कि प्रबंधन स्तर पर बरती जा रही लापरवाही का खामियाजा इंजीनियरों को भुगतना पड़ रहा है। इससे समय पर प्रमोशन नहीं हो पा रहे हैं। इंजीनियर बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो जा रहे हैं। इसका उन्हें वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है। इसके लिए सीधे तौर पर प्रबंधन जिम्मेदार है। इसी लापरवाही के कारण इंजीनियरों को मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है।
एमडी जल निगम ने आश्वासन दिया कि वरिष्ठता का निर्धारण 20 जुलाई तक किया जाएगा। पदोन्नति की प्रक्रिया 30 जुलाई तक हर हाल में पूरी होगी। जूनियर इंजीनियर के खाली पदों को भरने का प्रस्ताव एक महीने के भीतर आयोग को भेजा जाएगा। एसीपी का लाभ 20 जुलाई तक हर हाल में दिया जाएगा। एनपीएस से जुड़े ऐसे कर्मचारी, जिनका निधन हो गया है, उनके परिवारों को मृत्यु उपादान का लाभ जल्द दिया जाएगा। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। आयुष्मान योजना का लाभ जल्द देने का प्रस्ताव भी प्राधिकरण को भेज दिया गया है।
पेयजल के राजकीयकरण मसले पर जल्द शासन स्तर पर बैठक होगी। तबादलों में पारदर्शी व्यवस्था को तबादला नीति बनाई जाएगी। इन आश्वासनों पर संघ ने आंदोलन को 30 जुलाई तक स्थगित किया। चेतावनी दी कि यदि इस तय समय सीमा में मांगे न मानी गईं, तो एक अगस्त से आंदोलन शुरू हो जाएगा। वार्ता में अध्यक्ष रामकुमार, महासचिव अजय बेलवाल, अरविंद सजवाण, सुभाष चंद्र भट्ट, अनूप भंडारी, भुवन जोशी, भजन सिंह चौहान वार्ता में मौजूद रहे।

मुख्य अभियंता की टिप्पणी पर रोष जताया
वार्ता शुरू होते ही मुख्य अभियंता की ओर से संघ की एकता पर सवाल किया गया। पूछा गया कि क्या संगठन में कोई बिखराव तो नहीं है। क्या सभी धड़े बैठक में शामिल हैं। इस पर संघ पदाधिकारियों ने तीखा विरोध जताया।

टनकपुर की जमीन रोडवेज को देने का विरोध
संघ पदाधिकारियों ने कहा कि टनकपुर में भंडार शाखा की जमीन रोडवेज को देने की तैयारी की जा रही है। इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यदि सरकार को निगम की जमीनें चाहिएं तो पेयजल का राजकीयकरण पहले किया जाए।

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