पूर्व सीएम हरीश रावत बोले, दो बार चेहरा बनाया, लेकिन सीएम नहीं, अपेक्षाओं के बोझ के साथ रिटायर होना रहेगा मुश्किल
देहरादून।
पूर्व सीएम ने कहा कि 2002 और 2012 में लोगों ने ये मानकर वोट दिया कि सीएम हरीश रावत होंगे। इसके बाद भी बागडोर मेरे हाथ में नहीं आई। हाथ आईं तो सिर्पु अपेक्षाएं। अब ऐसे मोड़ पर हूं कि जहां अपेक्षाओं के बोझ के साथ सेवानिवृत होना बहुत कठिन हो जाएगा। लोगों को राज्य में ये मालूम होना चाहिए कि जिस व्यक्ति को हम वोट दे रहे हैं, उसका एजेंडा क्या है। ताकि पार्टी और लोग भी अपनी सोच को उसी अनुसार ढाल सकें। इसीलिए मैं सीएम का चेहरा घोषित करने पर जोर दे रहा हूं।