कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कुंभ मेला आयोजन पर उठाए गंभीर सवाल, कुंभ मेला कार्यों की जांच कराए सरकार, कुंभ में भ्रष्टाचार से ही राज्य में कोरोना की आफत आई
देहरादून।
कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कुंभ मेला कार्यों की निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की। कहा कि कोरोना जांच रिपोर्टों में भ्रष्टाचार मानवता के प्रति अपराध है। कुम्भ मेले में इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार से ही प्रदेश वासियों पर कोरोना की आफत आई है।
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उपाध्याय ने कहा कि, कुम्भ मेले में भ्रष्टाचार के जिस तरह से नित नये काले कारनामे उजागर हो रहे हैं, वह राज्य की छवि को धूल-धूसरित और मलिन कर रहे हैं। 2010 में भी ठीक यही स्थिति हुई थी, सरकार का भ्रष्टाचारी चेहरा हमने सदन के भीतर और बाहर बेनक़ाब किया था। अखाड़ों और संतों ने खुले रूप से आरोप लगाये और यहाँ तक कहा कि कुछ छद्म संतों से सरकार के पक्ष में बयान दिलवाये गये।
कहा कि वर्तमान प्रकरण जो कुम्भ मेले में कोरोना की जाँच रिपोटों से सम्बंधित है, अत्यन्त गम्भीर है। लोगों की जिन्दगी से जुड़ा हुआ है। जिस तरह कुम्भ मेले के बाद कोरोना का कहर बरपा रहा है, वह कल्पना से परे है। कुम्भ मेले में इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण ही प्रदेश पर कोरोना का यह प्रलय काल आया है। कहा कि आप की अब तक की छवि निष्ठावान, सज्जन, सीधे और ईमानदार राजनैतिक-सामाजिक कार्यकर्ता की रही है। कुम्भ के घोटालों पर पर्दा डालकर आपको अपने दामन को दागदार नहीं बनाना चाहिये। कहा कि मेरा आपसे आग्रह है कि तुरन्त निष्पक्ष जाँच एजेंसी से कुम्भ के सारे कामों की जाँच आपकी छवि को दागदार होने से बचाइए। तभी उत्तराखंड की लाज भी बचेगी और भ्रष्टाचारियों को सजा मिलेगी।