पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह बोले, अधिनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, सचिव पर सीधी कार्रवाई, हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में हो सीबीआई जांच, अभी तक दागी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई न होने पर भी उठाए गंभीर सवाल, आयोग के घपलों से ध्यान भटकाने का लगाया आरोप
उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग के भर्ती घपले की पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की। कहा की सरकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष, सचिव पर भी तत्काल कार्रवाई करे। एसटीएफ इनसे सीधी पूछताछ करे। उन्होंने इसे उत्तराखंड का व्यापम घोटाला करार दिया।
विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में प्रीतम ने कहा की आयोग ने 2015 में 16 एजेंसी में से आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन का चयन हुआ। 2016 में गाम पंचायत विकास अधिकारी के 196 पदों के लिए कराई गई भर्ती में ही गड़बड़ी सामने आ गई थी। सरकार ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव रणवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई जांच में भी परीक्षा में गड़बड़ी, टेंपरिंग की पुष्टि की गई। केस तक दर्ज हुआ, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत ने इस्तीफा दिया, जो छह महीने तक स्वीकार नहीं हुआ। इस दौरान वे लगातार भर्ती प्रक्रिया से जुड़े रहे। गड़बड़ी पाए जाने के बावजूद आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। लगातार धांधली चलती रही।
सचिवालय रक्षक पद की भर्ती के पेपर आयोग ने अपनी प्रेस से छपवाए। इसके बाद भी वे आयोग के दफ्तर से लीक हुए। दागी कंपनी के साथ करार 2018 में समाप्त होने के बाद भी लगातार उससे काम लिया जाता रहा। आज तक इन तमाम घपलों के लिए जिम्मेदार अध्यक्ष और सचिवों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सिर्फ त्यागपत्र देना काफी नहीं है। इस पूरे घपले के लिए अध्यक्ष, सचिव सीधे तौर पर असल जिम्मेदार हैं। एसटीएफ उनसे सीधे पूछताछ करे। जब रुड़की में सरकारी प्रेस है, तो क्यों प्राइवेट प्रेस से पेपर छपवाए गए। इसी दागी एजेंसी के पास पंतनगर विवि और मेडिकल यूनिवर्सिटी की परीक्षा का भी जिम्मा है। आज तक उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया। इस अवसर पर विधायक विक्रम सिंह नेगी, आदेश चौहान, विजयपाल सजवाण, राजकुमार, आर्येंद्र शर्मा, सूर्यकांत धस्माना, संजय किशोर, राजेंद्र शाह, महेश जोशी आदि मौजूद रहे।
हाकम को बचाने वाले कौन हैं
प्रीतम ने कहा कि वीपीडीओ भर्ती में गड़बड़ी को लेकर 2020 में मंगलौर थाने में एफआईआर दर्ज हुई। हाकम सिंह समेत कई आरोपी बने। लेकिन न कोई कार्रवाई हुई, न ही एफआर लगाई गई। किसके इशारे पर हाकम को बचाया गया।
घोटाले से ध्यान हटाने की कोशिश
प्रीतम बोले की राज्य के सबसे बड़े भर्ती घोटाले से ध्यान हटाने की कोशिश हो रही है। आयोग के भर्ती घपले से ध्यान हटाने को राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। यदि कांग्रेस ने कुछ गलत किया है, तो जनता दो बार उसकी सजा दे चुकी है।