आज से लेखपालों का कार्यबहिष्कार, प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलदार का चार्ज देने का किया जा रहा है विरोध, राजस्व से जुड़े अधिकतर कर्मचारी संगठन राजस्व परिषद के फैसले के हैं खिलाफ
देहरादून।
प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलों में तहसीलदार और नायब तहसीलदार का चार्ज देने का विरोध बढ़ता जा रहा है। राजस्व परिषद ने काम चलाऊ व्यवस्था के तहत जिलाधिकारियों को तहसीलदार और नायब तहसीलदार की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए थे। इन आदेशों के क्रम में जिलाधिकारियों ने प्रशासनिक अधिकारियों को ही चार्ज दे दिया है। इसके विरोध में सोमवार से प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन, कार्यबहिष्कार शुरू होने जा रहा है।
इस आंदोलन में पहाड़ से लेकर मैदान में राजस्व कर्मचारियों से जुड़े अधिकतर कर्मचारी संगठन शामिल हैं। पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, राजस्व उपनिरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ 22, 23 मार्च को कार्य बहिष्कार करेगा। एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल होगी।
संघ के अध्यक्ष वियजपाल सिंह मेहता और महासचिव महिपाल सिंह पुंडीर ने कहा कि जब तक आदेश निरस्त नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। उत्तराखंड लेखपाल संघ के अध्यक्ष हुकुम चंद और महामंत्री ओमप्रकाश ने तत्काल राजस्व परिषद के उस आदेश को निरस्त किए जाने की मांग की, जिसमें ये अधिकार दिए गए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के पास राजस्व कार्यों का अनुभव नहीं होता है। इसके बाद भी उन्हें तहसीलदार और नायब तहसीलदार जैसी अहम जिम्मेदारी सौंप दी गई है। जबकि राजस्व में दूसरे संवर्गों के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी, अधिकारी मौजूद हैं। इसके बाद भी जिलों में जिलाधिकारियों ने प्रशासनिक अफसरों को ये जिम्मेदारी सौंप दी है। इसका पुरजोर विरोध होगा। उत्तराखंड रजिस्ट्रार कानूनगो संघ के अध्यक्ष राकेश शाह और महासचिव विनोद पंवार ने भी विरोध जताया।