जीएमवीएन में 50 से ऊपर उम्र वाले अक्षम कर्मचारियों पर खतरा बढ़ा, बीमार, लंबे अवकाश पर रहने वाले 34 कर्मचारियों को मिल सकता है सीआरएस, पर्यटन, निर्माण, खनन, मार्केटिंग से जुड़े कर्मचारियों को दिखाया जाएगा बाहर का रास्ता 

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जीएमवीएन में 50 से ऊपर उम्र वाले अक्षम कर्मचारियों पर खतरा बढ़ा, बीमार, लंबे अवकाश पर रहने वाले 34 कर्मचारियों को मिल सकता है सीआरएस, पर्यटन, निर्माण, खनन, मार्केटिंग से जुड़े कर्मचारियों को दिखाया जाएगा बाहर का रास्ता

देहरादून।

गढ़वाल मंडल विकास निगम में 34 कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पर्यटन, निर्माण, खनन, मार्केटिंग से जुड़े कर्मचारियों का डाटा जुटाया गया है। जल्द सभी कर्मचारियों के आंकड़े को एकत्र कर कार्रवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
सरकार की ओर से स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि जिन विभागों में 50 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारी बीमार हैं। लंबे समय से अवकाश पर चल रहे हैं या काम में अक्षम हैं, उन्हें सीआरएस दिया जाए। इस कड़ी में सबसे पहली कार्रवाई जीएमवीएन के स्तर पर पहले भी हो चुकी है। पूर्व एमडी ज्योति यादव ने 27 कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। इसका विरोध भी हुआ, लेकिन एमडी की सख्ती के चलते कर्मचारी संगठनों का विवाद कहीं नहीं ठहर पाया। अब दूसरे चरण में फिर सीआरएस की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस बार करीब 34 कर्मचारियों की सूची तैयार हुई है।

ऊर्जा के निगमों में कोरोना का असर
ऊर्जा के तीनों निगमों में भी 50 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को सीआरएस देने की तैयारी चल रही थी। लेकिन ये प्रक्रिया कोरोना के कारण प्रभावित हो गई है। मार्च के बाद इस दिशा में किसी भी स्तर पर कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है। हालांकि कुछ कर्मचारियों ने जरूर स्वास्थ्य कारणों से स्वयं जरूर वीआरएस के लिए आवेदन किया है।

जल निगम में भी अटकी प्रक्रिया
सीआरएस को लेकर जल निगम में प्रक्रिया शुरू हुई। यहां भी करीब 35 कर्मचारियों की सूची तैयार की गई थी। लेकिन इससे पहले की कार्रवाई शुरू होती, कोरोना ने पूरी प्रक्रिया को बाधित कर दिया। इस बीच कई कर्मचारी स्वयं रिटायर भी हो गए हैं। मुख्य अभियंता मुख्यालय केके रस्तोगी ने बताया कि निगम में पहले ही कर्मचारियों की कमी है। जो सीआरएस के दायरे में आ भी रहे हैं, वे अगले कुछ महीनों में रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में सीआरएस की अधिक संख्या नहीं है।

जीएमवीएन में कुछ कर्मचारी चिन्हित हुए हैं। इन्हें सीआरएस देने को फाइल आगे बढ़ाई जा रही है। शासन की तय गाइड लाइन के अनुरूप ही कदम उठाया जाएगा।
आशीष चौहान, एमडी जीएमवीएन

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