प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षक तथा शिक्षेणत्तर कर्मचारी सरकार के द्वारा लाए गए अंब्रेला अधिनियम को लेकर आंदोलित
जीटी रिपोर्टर देहरादून
प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षक तथा शिक्षेणत्तर कर्मचारी विगत लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलित है। जिसमें उन्होंने राज्यपाल महोदया, मुख्यमंत्री, मंत्री गण तथा सांसदों एवम् सचिवों को भी अपने ज्ञापन दिए हैं। कल एक प्रतिनिधिमंडल ने देहरादून के मेयर महोदय से मिलकर अपने विषय को रखा, जिसमें डॉक्टर यू एस राणा डॉक्टर देवना शर्मा सहित शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे, परंतु सरकार के स्तर पर अभी भी किसी प्रकार की कार्यवाही ना होने पर आज भी प्रदेश के 18 अशासकीय कॉलेजों के शिक्षक तथा शिक्षणत्तर कर्मचारी आंदोलित रहे। अपने-अपने महाविद्यालयों में उन्होंने कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए आंदोलन के रूप में आज धरना प्रदर्शन 11:00 बजे से किया किया। इस कड़ी में भारी संख्या में शिक्षकों ने अपने उद्बोधन में सरकार की नीतियों का विरोध भी किया, साथ ही सरकार के द्वारा लाए गए अंब्रेला अधिनियम में पूर्ण सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर ग्रुटा के महामंत्री डॉ. डी. के. त्यागी, डॉ कौशल कुमार, डॉ राजेश पाल, डॉ एच बी एस रंधावा, डॉ एच् वी पंत, डॉ सुंदर सिंह,डॉ जीपी डग, डॉ संदीप नेगी, डॉ एस पी जोशी, डॉ ए आर सेमवाल, डॉ मृद्ला शर्मा, डॉ अतुल सिंह, डॉ हरि ओम, डॉ शैली, डॉ सविता रावत, डॉ रवि शरण दीक्षित तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह,सचिव धीरज कोटनाला , गोविंद रावत, बसंत बिष्ट, भगवान सिंह तोपवाल, पी एन जोशी, गीता रतूड़ी, महेंद्र,सहित बड़ी भारी संख्या में शिक्षक तथा शिक्षकों तथा कर्मचारी उपस्थित रहे। प्रदेश के संगठनों की शक्ति तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के इस चरण को छात्र संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया।