हरक के महकमे के भ्रष्टाचार पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने किए तीखे हमले,

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हरक के महकमे के भ्रष्टाचार पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने किए तीखे हमले, आम आदमी पार्टी ने कैसे बांटी श्रम विभाग की साइकिल, बिना अध्यक्ष की जानकारी के कैसे हुआ 15 करोड़ का भुगतान

देहरादून।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की निवर्तमान प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने भाजपा सरकार को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की गड़बड़ियों पर घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए।
गरिमा दसोनी ने सरकार से पूछा की एक तरफ श्रम मंत्री हरक सिंह खुलकर कहते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को उन्हें और उनके विभाग की सचिव दमयंती को बिना प्रस्ताव हटाने का अधिकार नहीं है ऐसे में उत्तराखंड की जनता इंतजार कर रही है कि मुख्यमंत्री अपना स्टैंड क्लियर करें अपना पक्ष रखें और बताएं कि क्या हरक सिंह जी जो कह रहे हैं वह सत्य है क्या उनको बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाया जाना और दमयंती को सचिव पद से हटाया जाना न्यायसंगत प्रक्रिया से नही हुआ है। क्या इन दोनों को ही जबरदस्ती हटाया गया है? उत्तराखंड की जनता जानना चाहती है के मुख्यमंत्री को इन दोनों को ही हटाने के अधिकार है या नहीं है ? वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की टोपी पहने हुए कुछ लोगों की ओर से श्रम विभाग की साइकिल बांटे जाने वाले प्रकरण का भी अभी तक पटाक्षेप नहीं हुआ है क्या इससे यह समझा जाए कि आम आदमी पार्टी और श्रम विभाग के बीच में कोई सांठगांठ है? इसी बीच एक नए खुलासे ने उत्तराखंड की जनता को चौका दिया है उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के नए अध्यक्ष की जानकारी के बिना ही 15 करोड़ का भुगतान कर दिया जाना अपने आप मे चौकाने वाला प्रकरण है।
श्रीमती दसोनी ने सरकार से पूछा है की उत्तराखंड सरकार में कोई समन्वय या तालमेल नाम की चीज भी है या नही?चाहे वह मुख्यमंत्री और उनके मंत्री परिषद के लोगों के बीच हो या मंत्री गण और उनके विभागीय सचिवों के बीच की बात हो दसौनी ने हैरानी जताते हुए कहा कि अगर इस सब के बीच भी मुख्यमंत्री यह कहते हैं कि प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की सरकार चल रही है तो उससे बड़ा झूठ कुछ नहीं होगा ।दसोनी ने कहा कि इतनी बड़े खुलासों के बीच मुख्यमंत्री की चुप्पी आखिर किस ओर इशारा कर रही है। बोर्ड के नए अध्यक्ष का यह कहना की बोर्ड की कोई भी फाइल उन्हें नहीं मिल रही है और सारी फाइलों का ठिकाना श्रम मंत्री का दफ्तर है अपने आप में हैरतअंगेज है।

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