सोशल मीडिया पर फिर भिड़े हरीश और रेखा, पूर्व सीएम हरीश रावत ने सिलसिलेवार की कई पोस्ट, रेखा आर्य पर बोला हमला, कैबिनेट मंत्री ने मारखूली बल्द बता कर पूर्व सीएम पर किया पलटवार
देहरादून।
सोशल मीडिया पर पूर्व सीएम हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य बुधवार को भी भिड़ गए। दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। हरीश रावत ने ताबड़तोड़ कई पोस्ट कर कैबिनेट मंत्री समेत उनके पति को लपेटने की कोशिश की, तो कैबिनेट मंत्री ने उन्हें मारखूली बल्द बता कर चुटकी ली। दोनों ओर से पुराने समय के किस्से उजागर कर एक दूसरे पर हमले बोले गए।
हरीश ने ठेठ कुमाऊंनी में बोला हमला, शक्ति परीक्षण का समय दिलाया याद
देहरादून। सोशल मीडिया पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने ठेठ कुमाऊंनी में लंबी चौड़ी पोस्ट के जरिए कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य पर हमला बोला। उन्हें पिछली सरकार में शक्ति परीक्षण के दिन हुए दलबदल की याद दिलाई। कहा कि दलबदल से पहले अपनी बेटी मानता था। जिस दिन विधानसभा में शक्ति परीक्षण था, मुझे अंतिम समय तक भरोसा था कि सोमेश्वर की मेरी बेटी मेरे बगल में आकर साथ खड़ी होगी, लेकिन हरे हरे कागजों में बड़ी ताकत थी। आज भी टेक होम राशन का टेंडर करके महापाप किया है। महिलाओं से काम छीन कर ठेकेदारों को स्कीम सौंप कर मूल उद्देश्य खत्म कर दिया है। अब आपके मुंह से शराब की बात सुन कर अजीब लग रहा है। क्योंकि आज सोमेश्वर विधानसभा में घर घर शराब पहुंचाने का काम कर दिया है। जबकि चुनाव छह महीने दूर है। कहा कि मुझे भूमाफिया कहा जा रहा है, यदि गरीबों, दलित, पिछड़ों को मलिन बस्ती वालों को उनकी जमीनों पर मालिकाना हक दिलाना भूमाफिया होना है, तो वो दोषी हैं। लेकिन कुछ लोगों ने भीमताल से लेकर किच्छा तक लोगों की जमीनों का उलट पुलट किया है। जब तक ऐसे लोग गिरधर गोपाल बनकर आएंगे, मेरी लाठी जरूर उठेगी। कहा कि डेनिश आज भी शराब की दुकानों समेत पूर्व सैनिकों की कैंटीन में बिक रही है। उस समय की डेनिश जहर और आज की अमृत है। उन्होंने उज्याड़ू बल्द के साथ उज्याड़ू बकरियां कह कर भी कटाक्ष किया।
मारखूली, मुनठेपी बल्द हमेशा अकेला रहता है
देहरादून। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने सोशल मीडिया पर कटाक्ष किया कि अबकी दाज्यू बोले खेल खेला होवे, दाज्यू होवे तो जरूर लेकिन पहले अपनी पार्टी से करो। अभी तो आपकी पहली लड़ाई अपनी पार्टी से है। अपना चेहरा बनाने की अब तक आप स्वयंभू मुख्यमंत्री चेहरा जो ठैरे। कहा कि दाज्यू उज़्याड़ू बल्द और बकरियाँ तो एक बार आवाज से वापस भी आ जाते हैं लेकिन हमारे वहां एक और खतरनाक बल्द होता है जिसे कहते हैं मारखूली मुनठेपी बल्द। ये बल्द अपने आसपास किसी को फटकने नहीं देता और हमेशा खुद का ही पेट भरने में रहता है। जिस की प्रवृत्ति से हार कर सभी उसके ईद-गिर्द से दूर हो जाते हैं और अंत में वह अकेला ही रह जाता है। वही स्थिति अब आपकी भी हो रही है। क्या करें दाज्यू आपकी आदत तो रही है सबको परेशान करो राज करो। उसी की परिणित रही है कि आप आज अकेले ही चलने को मजबूर हो। दाज्यू आपने एक बात और कही कि जब-जब उत्तराखंडियत पर चोट होगी आप शमशान से भी आकर खड़े हो जाओगे। अब जब उत्तराखंडियत की नहीं, मुख्यमंत्री पद की बात होती है तब-तब आप जवान हो जाते हो। और जब-जब आप जवान होने की कोशिश करते हो तब-तब आप की पार्टी के ही नेता जो आपके टॉप 10 के खास थे, वह कह देते हैं कि अब कांपते हाथ सत्ता नहीं संभाल सकते। दाज्यू ये आपकी पार्टी के लोग आपका ऐसा उपहास करते है जिससे हमें भी तकलीफ होती है। अपनी पार्टी के नेताओ के लिए भी कोई शब्द ढूंढो तो अच्छा लगेगा। आप नहीं कहोगे क्योंकि आप उनसे डरते हो, कहीं उन्होंने पुराना हिसाब-किताब व बंदर ,सूअरों वाले राज खोल दिए फिर तो बुढ़ापा और भी खराब होना तय है।