ट्रैकिंग रुट पर बनाए होम स्टे, सीधे खाते में आएगा पैसा, बैंक लोन का झंझट खत्म, उत्तरकाशी, टिहरी के गांव चिन्हित
देहरादून।
ट्रैकिंग रुट पर होम स्टे को बढ़ावा देने की दिशा में पर्यटन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब होम स्टे के लिए बैंक से लोन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि सरकार सीधे खाते में पैसा देगी। ये सुविधा टिहरी और उत्तरकाशी के ट्रैकिंग रुट से जुड़े गांवों के लिए होगी।
पर्यटन विभाग ने ट्रैकिंग ट्रक्शन सेन्टर होम-स्टे नियमावली-2020 के प्राविधानों के तहत उतरकाशी के अगोड़ा और टिहरी के घुत्तू क्षेत्र के गांवों को चिन्हित करते हुए नोटिफाइड किया है। इन गांवों में पात्र लोगों को अटैच्ड टॉयलेट समेत नये कमरों के निर्माण को प्रति कमरा साठ हजार और पहले से बने कमरों की सजावट को 25 हजार प्रति कमरा सहायता दी जाएगी। अधिकतम छह कमरों के लिए सहायता दी जाएगी।
योजना का लाभ देने को उत्तरकाशी अगोड़ा के अगोड़ा, भंकुली, गजोली, दासडा व नौगांव और घुत्तू ट्रैकिंग के तहत घुत्तू, रानीडाल, ऋषिधार, सत्याल, मल्ला मेहरगांव आदि गांवों को नोटिफाइड किया गया है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य ट्रैकिंग टूरिज्म की सम्भावनाओं वाले दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधाएं विकसित करना है। इससे राज्य में साहसिक पर्यटन आगे बढ़ेगा। राजकीय सहायता देकर सरकार स्थानीय लोगों को सशक्त कर रही है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
सचिव पर्यटन ने कहा कि पलायन को रोकने तथा ग्रामीण क्षेत्रों को पर्यटन के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना कारगर सिद्ध होगी। योजना के तहत पारम्परिक पहाड़ी शैली में बने भवनों को प्राथमिकता दी जायेगी। सम्बन्धित गांव के मूल निवासी ही योजना का लाभ ले सकेंगे। यह योजना कोविड के बाद देश के अन्य शहरों से वापस लौटे युवा उद्यमियों के प्रोत्साहन और रिर्वस माइग्रेशन को बढ़ावा देने का काम करेगी।
लाभार्थियों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से किया जायेगा, और मूल्यांकन समिति के परीक्षण के उपरान्त प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण के माध्यम से अनुदान की राशि लाभार्थियों को अन्तरित की जायेगी। सम्बन्धित जनपदों के जिला पर्यटन विकास अधिकारी चयन समिति के सचिव और मूल्याकंन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगें।
दिलीप जावलकर, सचिव पर्यटन