देहरादून, मुख्य संवाददाता।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि विधानसभा के अवैध भर्ती वाले कर्मचारियों के नियमितीकरण को कैसे वैध ठहराया जा सकता है। जब भर्ती ही अवैध है, तो उनके स्थायीकरण से लेकर प्रमोशन तक भी अवैध ही माने जाएंगे।
हरीश रावत ने कहा कि विधानसभा का संचालन अभी भी 2016 से पहले के अवैध भर्ती कर्मचारी ही कर रहे हैं। यदि इन लोगों की नियुक्तियां ही विधि विरुद्ध हैं तो ऐसे लोग सिर्फ नियमितीकरण की आड़ में नहीं बच सकते हैं। अपराध कभी भी किया गया हो, उसका दण्ड रिटायरमेंट के बाद भी दिया जा सकता है। यदि विधानसभा में नियुक्ति पाना अपराध है तो यह अपराध 2001 से लेकर अभी तक नियुक्ति पाए हर व्यक्ति ने किया है। विधानसभा में तो अभी भी लोग काम कर रहे हैं। स्पीकर बताएं की क्या विधानसभा में विधि विहीन तरीके से नियुक्त कर्मचारी काम करने चाहिए।
कहा कि स्पीकर विदुषी महिला हैं। यदि वो समाधान चाहती हैं तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं। इस पूरे प्रकरण पर चर्चा कर निर्णय लें। कहा कि अन्याय और भेदभाव भरे फैसले किसी संस्था को महान नहीं बनाते हैं। कहा कि 2001 से अभी तक वही एकमात्र मुख्यमंत्री ऐसे हैं, जिनका कोई भी करीबी, रिश्तेदार की विधानसभा में नौकरी नहीं लगी है। कहा कि गलत तरीके से नियुक्ति देने वाले आज भी सरकार में मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसे में क्या गलती सिर्फ नौकरी पाने वालों की ही है।