ठेकेदारों के लिए योजना बनाई, तो नपेंगे इंजीनियर, जल जीवन मिशन की समीक्षा में सचिव ने लगाई फटकार, पिथौरागढ़, कोटद्वार की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई, बिना जरूरत के ही इस्टीमेट बनाने पर निलंबित होंगे इंजीनियर, काम में ढिलाई करने वालों को मिलेगी प्रतिकूल प्रविष्टि
देहरादून।
जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए सचिव पेयजल नितेश झा ने सभी पेयजल इंजीनियरों को पूरी गंभीरता के साथ काम करने की सख्त हिदायत दी। साफ किया कि पेयजल योजनाओं का निर्माण आम जनता को पानी पिलाने के लिए हो, न कि ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए। कहीं भी पाया गया कि बिना जरूरत के ही पेयजल योजनाएं तैयार की जा रही हैं, तो सम्बन्धित इंजीनियर निलंबन को तैयार रहें। काम में ढिलाई बरतने वालों को तत्काल प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए।
ऑनलाइन पेयजल योजनाओं की समीक्षा करते हुए जल निगम और जल संस्थान के प्रदेश भर के इंजीनियर समीक्षा बैठक से जुड़े। कहा कि इंजीनियरों की छोटी छोटी लापरवाही बड़ा मुद्दा बन रहा है। योजना का डिजाइन करते हुए आम लोगों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। न कि ठेकेदारों के हितों को। कहा कि कहीं भी मालूम चला कि स्रोत नजदीक होने के बावजूद सिर्फ ठेकेदार को लाभ पहुंचाने को योजना को दूर से तैयार किया गया, तो ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
जहां पेयजल योजना की जरूरत न हो, पहले से पेयजल योजना से पर्याप्त पानी मिल रहा हो, वहां कोई नई योजना प्रस्तावित न की जाए। ऐसा करने वाले इंजीनियरों को निलंबन के लिए तैयार रहना होगा। समीक्षा बैठक के दौरान पिथौरागढ़ और कोटद्वार की प्रगति थोड़ा धीमी पाई गई। इस पर सचिव ने सख्त नाराजगी जताई। कहा कि जिस डिवीजन में भी काम में देरी पाई जाए, वहां के इंजीनियरों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए। किसी भी सूरत में काम में ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हर हाल में तय समय के भीतर मिशन को पूरा किया जाएगा। वो भी पूरी गुणवत्ता के साथ। बैठक में मिशन निदेशक ईवा आशीष श्रीवास्तव, एमडी उदयराज, सीजीएम नीलिमा गर्ग, मुख्य अभियंता एससी पंत आदि मौजूद रहे।