मंत्रिमंडल जस का तस ही रखना था तो फिर त्रिवेंद्र रावत की बलि क्यों चढ़ाई गई, कांग्रेस ने उठाया सवाल 

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मंत्रिमंडल जस का तस ही रखना था तो फिर त्रिवेंद्र रावत की बलि क्यों चढ़ाई गई, कांग्रेस ने उठाया सवाल

देहरादून।

उत्तराखंड कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती गरिमा मेहरा दसौनी ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नए मंत्रिमंडल पर कई सवाल दागे हैं ।
दसोनी ने कहा कि यदि पूर्व का मंत्रिमंडल जस का तस ही रखना था तो फिर त्रिवेंद्र रावत की बलि क्यों चढ़ाई गई?? आखिर किसी भी मुख्यमंत्री की नाकामी में उनके मंत्रिमंडल का भी उतना ही हाथ होता है यह एक कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी होती है ऐसे में प्रदेश को लूट खसोट कर दीमक की तरह चाटने वाले लोग ही भाजपा की पहली पसंद क्यों बन रहे हैं?? क्या इसका अर्थ यह निकाला जाए की 4 साल की नाकामी का सारा ठीकरा त्रिवेंद्र रावत के सर फोड़ दिया गया है?? क्या यह समझा जाए कि भाजपा को अपने 57 विधायकों में कोई भी विधायक पिछले सात महा प्रतापी काबीना मंत्रियों के बदले नहीं मिल पाया?? अगर सिर्फ मंत्रिमंडल में तीन ही चेहरे बदलने थे तो फिर ये भूचाल लाने की क्या ज़रूरत थी।उत्तराखंड को अनिश्चितता के घोर अंधेरे में क्यों धकेल दिया गया ??उत्तराखंड के ऊपर दो दो उपचुनाव क्यों थोपे गए ??जिन काबिना मंत्रियों पर जांच घोटालों की जांच चल रही है उन्हीं के सर पर ताज क्यों सजा दिया गया ??
दसोनी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब तो ऐसा लग रहा है कि वाकई तीरथ सिंह रावत जादूगर ही हैं जो अकेले ही उत्तराखंड का कायापलट कर देंगे ।आज भाजपा ने प्रचंड बहुमत के बावजूद जिस तरह से उत्तराखंड को अनिश्चितता और अनिश्चतता के अंधेरे कुएं में धकेल दिया उसके लिए जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।दसौनी ने कहा कि कैसी विडंबना है कि त्रिवेंद्र रावत को जनता के दबाव में आकर नहीं बदला गया चाहे घाट प्रकरण हो चाहे चमोली आपदा, 17 किसानों की आत्महत्या तीन तीन महिलाओं पर यौन शोषण ,कर्मकार घोटाला कुंभ में बदइंतज़ामी इन सब की वजह से नहीं बल्कि भाजपा ने अपने अंदर के अंतर्कलह अंतर्विरोध और अंतर्द्वंद के चलते मुख्यमंत्री को हटाया है ।दसौनी ने सवाल किया कि उत्तराखंड के गौरव को चोट पहुंचाने वाले यह दागी बागी भाजपा के विधायक ही मंत्री के रूप में पहली पसंद आखिर क्यों है

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