डॉक्टर नहीं मिल रहे, तो डेंटल सर्जन से काम ले सरकार, कांग्रेस प्रवक्ता ने सीएम तीरथ सिंह रावत के नाम लिखा खुला पत्र 

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डॉक्टर नहीं मिल रहे, तो डेंटल सर्जन से काम ले सरकार, कांग्रेस प्रवक्ता ने सीएम तीरथ सिंह रावत के नाम लिखा खुला पत्र

देहरादून।

कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने राज्य में डॉक्टर की कमी पर सरकार को घेरा। कहा कि यदि एमबीबीएस डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं, तो डेंटल सर्जन से क्यों काम नहीं लिया जा रहा है। जबकि इस विपरीत समय में बीडीएस डॉक्टर भी बेहतर काम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने 542 पद एमबीबीएस की भर्ती निकाली। उसमें 202 ही डॉक्टर मिले। 300 से अधिक पद खाली रह गए। उसके बाद 762 पद एमबीबीएस के फिर निकाले। अभी हाल ही में इन पदों पर इंटरव्यू भी हुआ। इसमें भी 345 पद ही भरे गए, बाकी शेष सीट खाली रह गई। ऐसे में जब एमबीबीएस डॉक्टर्स नहीं मिल रहे है या ज्वॉइन नहीं कर रहे है तो तत्काल इस महामारी में पद को कन्वर्ट कर बीडीएस डॉक्टर्स को भर्ती किया जाए।
कहा आज भी हजारों डेन्टल सर्जन उत्तराखंड में बेरोजगार है और जो अपनी सेवाएं पहाड़ों में देने को तैयार हैं। डेन्टल सर्जन जांच, ट्रेसिंग, वैक्सिनेशन और कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी अच्छे से कर सकते है। कोरोना वायरस ज्यादातर हमारे मुंह से ही प्रवेश करता है। कुछ कोरोनावायरस पॉजिटिव मरीजों के मुंह में छाले और मसूड़ों में सूजन तथा दांत भी हिल रहे हैं। ऐसे में संबंधित बीमारियों का डेन्टल सर्जन भी बेहतर तरीके से शुरुआती इलाज कर सकते हैं। ऐसे में डेंटल सर्जन को कोविड सेन्टर में रखा जा सकता है। सरकार पहले ही डॉक्टर्स की कमी से जूझ रही है। डेन्टल सर्जन के आने से डॉक्टर्स की कमी कुछ हद तक पूरी हो जाएगी।
धीरे धीरे कोरोना वायरस हमारे पहाड़ की तरफ भी रुख कर रहा है। इस महामारी को देखते हुए सरकार को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए। वैक्सिनेशन के लिए मेडिकल की टीमों में एमबीबीएस, बीडीएस डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वॉय को शामिल कर पहाड़ों पर, गांव में या पंचायत स्तर पर टीकाकरण होना चाहिए। सरकार एक मई से 18 वर्ष से ऊपर सभी के लिए टीकाकरण शुरू कर रही है, उसके क्रियान्वयन को ग्राउंड लेवल पे डॉक्टरों की बहुत ज्यादा आवश्यकता होगी। ऐसे में जल्द बीडीएस डॉक्टरों की तैनाती की जाए।

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