विधानसभा ने मूल निवासी किए बर्खास्त, जल निगम ने यूपी बिहार वालों के कर दिए प्रमोशन, उक्रांद का आरोप, जल निगम में नियम विरुद्ध भर्ती हुए इंजीनियरों पर नहीं हुई कार्रवाई, एससी, ओबीसी, महिला कोटे में बाहरी राज्यों वालों पर कार्रवाई न होने पर उठाए सवाल |

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देहरादून।

उक्रांद ने विधानसभा में राज्य के मूल निवासियों को बर्खास्त करने और जल निगम में नियम विरुद्ध भर्ती हुए यूपी बिहार वालों के प्रमोशन पर सवाल उठाए। एससी, ओबीसी और महिला कोटे में भर्ती हुए बाहरी राज्यों के इंजीनियरों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई न किए जाने को बड़ा घोटाला करार दिया।
उक्रांद के पूर्व केंद्रीय महामंत्री जयदीप भट्ट ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि सरकार ने विधानसभा में 2016 और 2022 में नियुक्त किए गए कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी है। बर्खास्त किए गए अधिकतर कर्मचारी राज्य के ही मूल निवासी थे। मूल निवासियों की सेवाएं समाप्त करने को विधानसभा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई। दूसरी ओर जल निगम में 2005 और 2007 में नियम विरुद्ध भर्तियां की गई। राज्य की एजेंसियों को छोड़ पंजाब विवि से परीक्षा कराई गई।
राज्य के आरक्षित श्रेणी के कोटे के पदों पर नियम विरुद्ध यूपी, बिहार, दिल्ली के लोगों को नियुक्ति दे दी गई। इससे राज्य के मूल निवासियों को नौकरी नहीं मिल पाई। नौकरी पाने से वंचित रहे कई मूल निवासी आज भी बेरोजगार हैं। महिला कोटे में राज्य की महिलाओं को छोड़ कर बाहर वालों को नौकरी दी गई। इस मामले की शासन ने जांच कराई। जांच रिपोर्ट में भी साफ किया गया है कि ये भर्तियां नियम विरुद्ध हुई हैं। मुख्य अभियंता की जांच रिपोर्ट को सचिव पेयजल ने डंप कर दिया है। उस पर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है। उल्टा नियम विरुद्ध भर्ती हुए इंजीनियरों को अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नत कर राज्य के मूल निवासियों का मजाक उड़ाया गया है। चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई न की गई, तो वो इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जाएंगे।

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