आदेश निरस्त न होने पर एक अप्रैल से कलमबंद हड़ताल, मिनिस्टीरियल कैडर के प्रशासनिक अफसरों को तहसीलदार का चार्ज देने पर जताई नाराजगी, उत्तराखंड भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ ने राजस्व परिषद के समक्ष जताया विरोध 

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आदेश निरस्त न होने पर एक अप्रैल से कलमबंद हड़ताल, मिनिस्टीरियल कैडर के प्रशासनिक अफसरों को तहसीलदार का चार्ज देने पर जताई नाराजगी, उत्तराखंड भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ ने राजस्व परिषद के समक्ष जताया विरोध

देहरादून।

उत्तराखंड भूलेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने मंगलवार को भी कार्यबहिष्कार कर प्रदेश भर की तहसीलों में धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया। महासंघ ने राजस्व परिषद आयुक्त के समक्ष भी प्रशासनिक अधिकारियों को तहसीलों में तहसीलदार का चार्ज देने का विरोध किया। दो टूक शब्दों में साफ किया कि यदि जल्द आदेश निरस्त न हुआ, तो एक अप्रैल से कलमबंद हड़ताल तय है।
महासंघ के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त बीएम मिश्रा के समक्ष अपना पक्ष रखा। कहा कि मिनिस्टीरियल कैडर और राजस्व कैडर दोनों अलग अलग हैं। दोनों कैडर में पदोन्नति की व्यवस्था पूरी तरह अलग अलग है। काम अलग अलग तरह के हैं। काम की प्रकृति पूरी तरह अलग है। ऐसे में मिनिस्टीरियल संवर्ग को किस आधार पर तहसीलदार का चार्ज दे दिया गया है। जबकि तहसीलदार सीधे तौर पर मजिस्ट्रेट की भूमिका में रहते हैं। राजस्व कार्यों के साथ ही कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालनी पड़ती है। नियमावली में स्पष्ट है कि नियमानुसार चार्ज नहीं दिया जा सकता है। ये सीधे तौर पर तुष्टिकरण की नीति है।
राजस्व परिषद की ओर से तर्क दिया गया कि ये व्यवस्था सिर्फ डाक निपटाने तक के लिए की गई थी। इससे अधिक कुछ नहीं था। कैसे जिलों में पूरा प्रशासनिक चार्ज दिया गया, इसकी जानकारी परिषद को नहीं है। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि पूरे प्रकरण को राजस्व परिषद अध्यक्ष के समक्ष रखा जाएगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। महासंघ ने चेतावनी दी कि यदि एक अप्रैल से पहले आदेश निरस्त न किया गया, तो सीधे कलमबंद हड़ताल पूरे प्रदेश में की जाएगी। इससे किसी भी तरह के होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी सीधे तौर पर शासन, सरकार की होगी। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पहले 2019 में इसी तरह की व्यवस्था की गई थी। विरोध के बाद इसे समाप्त कर दिया। इस बार लिपिक संवर्ग ने सिर्फ एक ज्ञापन भर दिया। राजस्व परिषद ने उस ज्ञापन पर ही प्रभारी व्यवस्था किए जाने के आदेश कर दिए। इसी का विरोध किया जा रहा है। इसी आदेश को निरस्त किए जाने की मांग हो रही है। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह कुमाईं, महासचिव विजय पाल सिंह मेहता, हुकुम चंद, ओमप्रकाश, महिपाल पुंडीर, जसपाल राणा, कुलदीप गैरोला, गुलाब सिंह पंवार, प्रेम सिंह, जितेंद्र थपलियाल, प्रकाश चंद, मनोज मिश्रा, आनंद सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

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