इंदु कुमार पांडे की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति समिति का विरोध, सचिवालय संघ ने कर्मचारी हितों पर बताया कुठाराघात
देहरादून।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि आज निर्गत वेतन विसंगति समिति के गठन के आदेश से यह स्पष्ट है कि इंदु कुमार पांडे समिति का कार्मिकों के वेतन भत्तों एवं वेतन विसंगति के मामलों में पूर्व का अनुभव बेहद निराशाजनक रहा है, इस समिति के अध्यक्ष के रूप मे श्री इंदु कुमार पांडे जी ने कार्मिक वर्ग की मनोदशा को न समझकर हमेशा सरकार के पक्ष मे ही कार्य किया है, इसीलिए शायद श्री पाण्डे जी ही सेवानिवृत्ति के 10-12 वर्ष के बाद आज भी सेवारत आला अधिकारियो से ज्यादा मुफीद एवं सरकार के सच्चे हितैषी हैं।
यहां पर यह कहना गलत नही है कि किसी भी राज्य में कार्मिकों की वेतन विसंगति के मामलों के निस्तारण हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ही समितियां गठित रहती हैं। इसके लिए किसी सेवानिवृत्त मुख्य सचिव की आवश्यकता शायद कार्मिकों के हितों पर कुठाराघात जैसा है, जबकि वित्त विभाग के स्तर पर 01 अपर मुख्य सचिव व 03-03 सचिव तैनात हैं। इसके अलावा वित्त सेवा के अपर सचिवो की लम्बी चौड़ी फौज है। इंदु कुमार पांडे समिति ने सदैव कार्मिको के हर मामले में नकारात्मक संस्तुतियां ही दी हैं तथा हमेशा नियत अवधि हेतु गठित समिति का कार्यकाल बढाते रहने की भी इसी समिति के खाते मे गया है। इनके द्वारा कई विभागों के पदों तथा सचिवालय के कई अनुभागों की कटौती की संस्तुति कर कार्मिकों के मामलों में अपना दृष्टिकोण उजागर किया है। सचिवालय संघ की ओर से सरकार से इस मामले मे पुनर्विचार कर इस समिति के गठन को वापस लेने की प्रबल मांग है, इस मामले सहित अन्य सभी प्रमुख मुद्दो को लेकर सचिवालय संघ अपने सभी संवर्गीय संघो के पदाधिकारियो के साथ दिनांक 05 अगस्त 2021 को दोपहर 3.00 बजे अपनी महत्वपूर्ण बैठक करेगा तथा आगे की कार्यवाही पर सार्थक निर्णय लेगा।