देहरादून
उद्योगों को 24 घंटे बिजली के लिए खर्च करने होंगे ज्यादा पैसे, ऊर्जा निगम ने विद्युत नियामक आयोग को भेजा कंटीनियस सप्लाई सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव, सरचार्ज को 2.5 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत किए जाने की है मांग, महंगी बिजली का दिया हवाला
लगातार 24 घंटे बिजली सप्लाई चाहने वाले उद्योगों को अब कंटीन्यूअस सप्लाई सरचार्ज के रूप में अधिक भुगतान करना होगा। इसके लिए ऊर्जा निगम ने विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेज दिया है। निगम ने सरचार्ज 2.5 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत किए जाने की मांग की है।
ऐसे उद्योग, वाणिज्यिक संस्थान जिन्हें 24 घंटे बिजली सप्लाई की जाती है, उन्हें एनर्जी चार्ज का 2.5 प्रतिशत अतिरिक्त कंटीनियस सप्लाई सरचार्ज के रूप में भुगतान करना होता है। पहले ये सरचार्ज 15 प्रतिशत था। जिसे साल दर साल कम करते हुए आयोग ने न्यूनतम 2.5 प्रतिशत कर दिया था। इसे कम करने के पीछे आयोग का तर्क रहा कि अब उत्तराखंड में सामान्य तौर पर नियमित रूप से ही बिजली की सप्लाई हो रही है। ऐसे में उद्योगों से सरचार्ज के नाम पर अतिरिक्त पैसा न वसूला जाए।
इस साल पॉवर सप्लाई सिस्टम बुरी तरह गड़बड़ा गया। कोयले और गैस से चलने वाले पॉवर प्लांट से उत्पादन बाधित रहा। बाजार में भी बिजली उपलब्ध नहीं रही। ऊर्जा निगम को 12 रुपये से लेकर 20 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीदनी पड़ी। इस बिजली संकट के कारण बिजली सप्लाई भी बाधित रही। इस संकट के समय भी ऊर्जा निगम को इन उद्योगों को 24 घंटे ही बिजली सप्लाई करनी पड़ी। इस पर यूपीसीएल ने आयोग को भेजे प्रस्ताव में तर्क दिया कि महंगी बिजली खरीद कर उद्योगों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराई गई। इसके बाद भी सिर्फ 2.5 प्रतिशत ही अतिरिक्त सरचार्ज बेहद कम है। इसे बढ़ा कर 25 प्रतिशत किया जाए।
इन उद्योगों को 24 घंटे बिजली की जरूरत
प्लास्टिक, ग्लास उद्योग को सबसे अधिक 24 घंटे बिजली सप्लाई की जरूरत रहती है। फार्मा में भी कुछ विशेष कैटेगरी वाली दवाओं के उत्पादन में 24 घंटे सप्लाई की जरूरत होती है। कोरोना के समय ऑक्सीजन प्लांट वाले उद्योगों में भी 24 घंटे बिजली सप्लाई सुनिश्चित कराई गई। अब कुछ समय से फर्नेश वाले उद्योग भी यही मांग कर रहे हैं।
400 मेगावाट का है लोड
ऐसे उद्योग जिन्हें 24 घंटे बिजली चाहिए, उनके लिए प्रतिदिन विशेष रूप से 400 मेगावाट बिजली का इंतजाम करना होता है। राज्य को प्रतिदिन बिजली सप्लाई सामान्य बनाने को मौजूदा समय में 2000 मेगावाट बिजली की जरूरत रहती है। गर्मियों में यही मांग अधिकतर 2600 मेवा तक पहुंच जाती है। इसी अतिरिक्त मांग को देखते हुए इनसे अतिरिक्त सरचार्ज वसूलने की तैयारी है।
ऊर्जा निगम तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद 24 घंटे बिजली सप्लाई कर रहा है। ऐसे में 24 घंटे बिजली सप्लाई सुविधा का लाभ लेने वालों को अतिरिक्त सरचार्ज का भुगतान करना होता है। इस आयोग ने 15 प्रतिशत से घटाकर पिछले कुछ वर्षों में 2.5 प्रतिशत पर ला दिया है। इसी की बढ़ोत्तरी की मांग की जा रही है।
अनिल कुमार, एमडी यूपीसीएल