सीएम पुष्कर धामी के भू कानून से राज्य में निवेश होगा सुनिश्चित, राज्य की जमीनें भी रहेंगी संरक्षित, भविष्य की पीढ़ी के लिए भी उपलब्ध रहें जमीनें, राज्य की जरूरतें भी होंगी पूरी, भविष्य में नहीं होगी दिक्कत
सीएम पुष्कर धामी का भू कानून राज्य में निवेश को सुनिश्चित करेगा। राज्य की जमीनें भी संरक्षित रहेंगी। भविष्य की पीढ़ी के लिए भी जमीनें उपलब्ध रहें, इसका भी मुक्कमल इंतजाम किया जाएगा। राज्य की भविष्य की जरूरतें भी पूरी होंगी।
भू कानून समिति की सिफारिशों का लब्बो लुआब कुल मिला कर यही है कि राज्य में न निवेश प्रभावित हो और न ही जमीनों की बंदरबांट हो। असल निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल रहे। भविष्य की पीढ़ी के लिए जमीनें भी उपलब्ध रहें। राज्य की जरूरतें भी पूरी हो सकें। भविष्य में सरकारी योजनाओं और असल जरूरतों के लिए भी पर्याप्त भूमि उपलब्ध रहें।
भू कानून समिति के सदस्य सचिव दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि राज्य में सीमित कृषि भूमि संसाधन का सदुपयोग राज्य हित में कैसे हो, इस पर समिति का विशेष जोर रहा। भू कानून जन आकांक्षाओं के अनुरूप तैयार हो, यही समिति के विचार मंथन का प्रमुख विषय रहा। ताकि विकास, निवेश, रोजगार सृजन हो। सीमित कृषि भूमि के सदुपयोग के बीच संतुलन स्थापित करने को ध्यान में रख कर ही समिति ने अपनी सिफारिशें सरकार को रिपोर्ट के रूप में दी हैं।
ताकि राज्य में निवेशकों को भी कोई दिक्कत न हो। निवेश प्रभावित न हो। इसके साथ ही राज्य की भविष्य की पीढ़ी के लिए भी जमीनें उपलब्ध रहें। राज्य की जरूरतों को भविष्य के लिए पूरा किया जा सके। सरकारी योजनाओं और जरूरतों के लिए भी जमीन उपलब्ध रहे। इसी को ध्यान में रख कर रिपोर्ट तैयार की गई है।
भू कानून समिति के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने बताया कि समिति के पास आए सुझावों में 70 प्रतिशत लोगों ने हिमाचल की तर्ज पर भूकानून बनाने का सुझाव दिया है। समिति का भी यही मानना है कि राज्य में निवेश भी प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही जमीनों का दुरुपयोग भी नहीं होना चाहिए। इसी को ध्यान में रख रिपोर्ट दी गई है।
हमारी सरकार जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर गम्भीर है। उत्तराखंड में जमीनों का दुरुपयोग न हो, इसके लिए कानून में आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। उत्तराखंड में उद्योग लग सकें, इसकी व्यवस्था भी की जाएगी। उद्योगों की स्थापना भी हो, लेकिन प्रदेश में जमीनों की अंधाधुंध बिक्री भी न हो और जमीन खरीद का दुरुपयोग न हो। इसके किए संतुलन बनाया जाएगा। आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखना है और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी करना है। भूमि भी प्राकृतिक संसाधन है। इसका संरक्षण भी जरूरी है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड