जूनियर इंजीनियरों ने प्रतिनियुक्ति की बजाय मांगा प्रमोशन, ऊर्जा निगम में प्रतिनियुक्ति का विरोध, जेई से एई पद पर प्रमोशन कोटा बढ़ा कर 58.33 प्रतिशत कर समस्या का समाधान निकालने की मांग 

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जूनियर इंजीनियरों ने प्रतिनियुक्ति की बजाय मांगा प्रमोशन, ऊर्जा निगम में प्रतिनियुक्ति का विरोध, जेई से एई पद पर प्रमोशन कोटा बढ़ा कर 58.33 प्रतिशत कर समस्या का समाधान निकालने की मांग

देहरादून।

उत्तराखंड पॉवर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने ऊर्जा निगम में असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर के पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने की बजाय इंजीनियरों के प्रमोशन करने की मांग की। सीएम को भेजे ज्ञापन में प्रतिनियुक्ति की बजाय खाली पदों को प्रमोशन से भरने और खाली पदों को नई भर्ती से भरने की मांग की।
एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष जगदीश चंद्र पंत ने कहा कि जेई से एई के पद पर पदोन्नति कोटा ऊर्जा के निगमों में सिंचाई, लोनिवि, पेयजल निगम की तरह 58.33 प्रतिशत किया जाए। अभी यदि 58.33 प्रतिशत कोटे का लाभ दिया जाता है, तो 77 जेई को प्रमोशन का लाभ मिलेगा। 77 जेई के पदों पर नई भर्ती हो सकेगी। जेई के पद पर भर्ती स्थानीय बेरोजगारों की होगी। जबकि एई पद पर सिर्फ 25 प्रतिशत ही स्थानीय युवाओं को मौका मिलता है। जबकि जेई दस वर्ष की सेवा के बाद एई बन पाते हैं। वे काम में अधिक सक्षम और अनुभवी हैं। कहा कि तीनों निगमों में बड़ी संख्या में प्रमोशन के पद खाली हैं। जल्द प्रमोशन किए जाएं।
कहा कि यदि दूसरे निगमों से एई और जेई प्रतिनियुक्ति पर लिए जाते हैं, तो इससे ऊर्जा निगम पर वित्तीय भार पड़ेगा। जबकि यदि यूपीसीएल के ही जेई को एई के पद पर पदोन्नत करने के साथ जेई पद पर भी पदोन्नति कर भरे जाते हैं, तो ये वित्तीय भार नहीं पड़ेगा। इस वित्तीय भार का असर आम उपभोक्ताओं पर बढ़े हुए टैरिफ के रूप में नहीं पड़ेगा।

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