जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा इस संबंध में पूर्व में ही पशुपालन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं की श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो तथा बीमार एवं कमजोर घोड़े-खच्चरों का संचालन यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में न हो तथा घोड़े-खच्चरों को गरम पानी उपलब्ध कराने एवं उनकी निरंतर निगरानी करने के लिए |

0
22

रुद्रप्रयाग /देहरादून

श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो तथा बीमार एवं कमजोर घोड़े-खच्चरों का संचालन यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में न हो तथा घोड़े-खच्चरों को गरम पानी उपलब्ध कराने एवं उनकी निरंतर निगरानी करने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा इस संबंध में पूर्व में ही पशुपालन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं तथा जिलाधिकारी द्वारा स्वयं इसकी माॅनीटरिंग की जा रही है।


मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी के निर्देशन में यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो उसकी निगरानी के लिए 30 सदस्यीय म्यूल टास्क फोर्स तैनात की गई है तथा घोड़े-खच्चरों की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से श्री केदारनाथ घोड़ा-पड़ाव, लिनचोली, गौरीकुंड व सोनप्रयाग में स्थापित अस्थाई पशु चिकित्सालयों में तैनात पशु चिकित्सकों के द्वारा 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि 16 मई, 2023 तक कुल 801 पशुओं को उपचार प्रदान किया जा चुका है तथा 4577 पशुओं के स्वास्थ्य की जांच की गई जिनमें 194 पशुओं को यात्रा हेतु अयोग्य मानते हुए यात्रा से हटाया गया है। 17 मई, 2023 तक कुल 09 पशु मालिकों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों को गरम पानी पिलाए जाने हेतु गीजरयुक्त पानी की चरियां अवस्थापित की गई हैं जिनका संचालन एमटीएफ (म्यूल टास्क फोर्स) द्वारा किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here