कॉपरेटिव में ताबड़तोड़ निलंबन पर घमासान, निलंबन आदेशों को बैंक मैनेजरों ने दी चुनौती, उत्तरांचल को-ऑपरेटिव बैंक इम्प्लाइज यूनियन ने खोला मोर्चा, दी चेतावनी, यदि बिना जांच के निलंबन आदेश हुए, तो कार्यबहिष्कार 

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कॉपरेटिव में ताबड़तोड़ निलंबन पर घमासान, निलंबन आदेशों को बैंक मैनेजरों ने दी चुनौती, उत्तरांचल को-ऑपरेटिव बैंक इम्प्लाइज यूनियन ने खोला मोर्चा, दी चेतावनी, यदि बिना जांच के निलंबन आदेश हुए, तो कार्यबहिष्कार

देहरादून।

उत्तरांचल को-ऑपरेटिव बैंक इम्प्लाइज यूनियन ने उप निबंधक सहकारिता गढ़वाल की ओर से बैंक मैनेजरों के खिलाफ की गई निलंबन की कार्रवाई को लेकर घमासान मच गया है। यूनियन ने बिना जांच पड़ताल के ही सीधे निलंबन की कार्रवाई को नियम विरुद्ध करार दिया। निलंबन आदेश जारी होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
महाप्रबंधक डीसीबी देहरादून को भेजे पत्र में अध्यक्ष वैभव सकलानी और महामंत्री उपेंद्र रौतेला ने कहा कि मीडिया में फर्जी ऋण वितरण समेत अनियमितताओं का हवाला देते हुए कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई का प्रचार प्रसार कराया गया। जबकि जिन प्रकरण को फर्जी ऋण वितरण बताया जा रहा है, उन प्रकरण में कोई जांच ही नहीं हुई है। बिना जांच के कैसे फर्जी ऋण की बात की जा रही है। जबकि निलंबन से पहले पूरी जांच होती है। बिना जांच के सीधे कार्रवाई कर कर्मचारी, अधिकारियों में भय का माहौल पैदा किया जा रहा है। ऐसा कर कर्मचारियों को मानसिक आघात पहुंचाया जा रहा है।
कहा कि बिना जांच के ही निलंबन आदेश कर कर्मचारी, अधिकारियों की मानहानी की गई है। संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाया गया है। कर्मचारियों का मनोबल तोड़ा गया है। कहा कि इस तरह के तानाशाही रवैये को लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कहा कि यूनियन भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती, लेकिन बिना जांच के सिर्फ एक बैठक में दिए गए निलंबन के निर्देशों क विरोध करती है। यूनियन ने साफ किया कि यदि निलंबन का कोई भी आदेश जारी होता है, तो तत्काल कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा।

साधन सचिव भी आए सामने, कार्य बहिष्कार का अल्टीमेटम
साधन समिति सचिव परिषद ने जिला सहायक निंबधक को आंदोलन का अल्टीमेटम भेज दिया है। परिषद अध्यक्ष, महामंत्री ने भेजे पत्र में कहा कि कोविड के कारण वसूली प्रभावित हुई है। इसके साथ ही एक एक सचिव के पास कई समितियों का अतिरिक्त प्रभार भी है। इन व्यवहारिक दिक्कतों को नजरअंदाज करते हुए डर का माहौल बनाया जा रहा है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्रवाई होने पर तत्काल कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा।

बैंक मैनेजरों ने ही खोली पुराने बैंकों मैनेजरों की पोल
यूनियन के आरोपों पर उप निबंधक गढ़वाल मान सिंह सैनी ने कहा कि किसी के भी खिलाफ कोई नियम विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई है। खुली बैठक में एक एक ब्रांच मैनेजर ने फर्जी बांटे गए ऋण का ब्यौरा सामने रखा। बताया कि नौ करोड़ के लोन की दस साल से वसूली नहीं हुई। स्वयं बताया कि इन ऋणों की वसूली नहीं हो सकती। क्योंकि ये फर्जी ऋण बांटे गए हैं। इसी पर निलंबन और रिवर्ट किए जाने की कार्रवाई की गई है। यूनियन को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन फर्जी ऋण वितरण के मामले में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। जिस शाखा में भी गड़बड़ी हुई है, वहां कार्रवाई होगी।

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