रेल राज्यमंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर
राज्य में चल रही विभिन्न रेल परियोजनाओं के संबंध में चर्चा की
देहरादून।
रेल राज्यमंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने आज देहरादून में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने राज्य में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। इस चर्चा के दौरान रेल सेक्शनों का विद्युतीकरण, पहले से मौजूद रेल लाइनों का दोहरीकरण, स्टेशन पुनर्विकास योजनाएं और नई रेल लाइन परियोजनाएं शामिल थीं। इस अवसर पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री आशुतोष गंगल, मुरादाबाद मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री अजय नंदन और उत्तर रेलवे के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
चारधाम परियोजना
उद्देश्य: उत्तराखंड राज्य में रेल मार्ग द्वारा चार प्रमुख धामों, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को परस्पर जोड़ना।
वर्तमान स्थिति:
बैठक के बारे में विस्तार से बताते हुए दोनों मंत्रियों ने कहा कि उत्तराखंड में रेलवे की उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। हिमालय की भूमि वाले इस राज्य में विभिन्न स्थानों के लिए रेल संपर्क लोगों की यात्रा को अधिक सुरक्षित, किफायती और आरामदायक बना देगा। पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील इस क्षेत्र के लिए रेलवे हर मौसम में उपलब्ध रहने वाली पर्यावरण अनुकूल आदर्श जन परिवहन प्रणाली साबित होगी। इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और लोगो को रोजगार, विपणन और व्यापार के अवसर उपलब्ध होंगे।
रेल राज्यमंत्री ने आज ऋषिकेश के समीप ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना स्थल का दौरा किया। उन्होंने वहां टनल बोरिंग का काम देखा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्राॅडगेज रेल लाइन पर कार्य की स्थिति की समीक्षा करते हुए रेल राज्यमंत्री ने कहा कि यहां तीव्र गति से कार्य चल रहा है और इस प्रतिष्ठित परियोजना को समय पर पूरा करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रेल परियोजना के साथ-साथ रेलवे सड़कों के निर्माण का कार्य भी कर रही है जिससे पहाड़ी क्षेत्रों के कई अनेक दूर-दराज के गांवों को रेल संपर्क मुहैया होगा।
चारधाम सर्किट पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रारंभिक अध्ययन उत्साहजनक रहा है। परियोजना की व्यवहार्यता की विशेषताओं का पता लगाने के लिए सक्षम विशेषज्ञों द्वारा और अधिक सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। इस पर विस्तार से बोलते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कई स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाना है और वहां नई सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी है। इससे राज्य में आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी।
- टोही इंजीनियरिंग सर्वेक्षण करके रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है।
- परियोजना की व्यवहार्यता का अध्ययन करने और प्रस्तावित रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे चल रहा है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना
परियोजना के संबंध में:
ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच नई ब्राॅडगेज रेल लाइन उत्तराखंड राज्य की एक बहुत महत्वपूर्ण विकास परियोजना है।
ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच रेल लिंक उपलब्ध कराने का उद्देश्य उत्तराखंड राज्य में स्थित तीर्थस्थलों तक सुगम पहुंच बनाना, नये व्यापार केंद्रों को जोड़ना, पिछड़े क्षेत्रों का विकास करना और क्षेत्र में रहने वाली आबादी को सुविधा प्रदान करना है।
इस रेल लिंक से यात्रा समय और लागत में काफी कमी आने की उम्मीद है।
यह रेल लिंक राज्य में औद्योगिक विकास, कुटीर उद्योग, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और राज्य में पर्यटन की संभावनाओं के अवसर उपलब्ध कराएगा।
यह प्रस्तावित रेल लाइन देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रूद्र प्रयाग और चमौली जिलों से होते हुए देवप्रयाग, श्रीनगर, रूद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ेगी।