मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की चेतावनी, पदों से न हो छेड़छाड़, कर्मचारियों से लाखों की वसूली से भी नाराज हैं मिनिस्टीरियल कर्मचारी, अब सीधे हड़ताल की बजाय जिलों में जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाने की तैयारी, 30 अप्रैल तक जन जागरण अभियान 

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मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की चेतावनी, पदों से न हो छेड़छाड़, कर्मचारियों से लाखों की वसूली से भी नाराज हैं मिनिस्टीरियल कर्मचारी, अब सीधे हड़ताल की बजाय जिलों में जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाने की तैयारी, 30 अप्रैल तक जन जागरण अभियान

देहरादून।

उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन ने पदों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। फिलहाल कर्मचारियों ने एसीपी, स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर हो रही वसूली के विरोध में आंदोलन की तैयारी कर ली है। जिलों में जनप्रतिनिधियों के जरिए दबाव बनाया जाएगा।
एसोसिएशन पहले 13 अप्रैल को सीधे अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान करने जा रही थी, लेकिन शासन में सचिव वित्त सौजन्या से वार्ता के बाद रणनीति बदल दी गई। हालांकि सचिव ने दो टूक साफ कर दिया था कि दोहरा लाभ किसी भी तरह नहीं मिलेगा। इसके बाद भी एसोसिएशन ने आंदोलन से दो कदम पीछे हटते हुए लंबे आंदोलन का फैसला लिया। जिलों के जरिए सीएम को ज्ञापन भेजे जा रहे हैं।
एसोसिएशन को शासन की नीयत पर शक है। डर है कि कहीं पदों में कटौती न कर दी जाए। इसी को ध्यान में रख अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी और महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि यदि स्टाफिंग पैटर्न के तहत प्रतिशत के आधार पर वर्तमान में स्वीकृत पदों में शासन स्तर पर किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या फेरबदल करने का प्रयास किया गया, तो उसका विरोध होगा। बड़े स्तर पर आंदोलन होगा।
अनिश्चितकालीन हड़ताल की बजाय अब 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक जिलों में भ्रमण पर आए मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों को जिला पदाधिकारी ज्ञापन देने के साथ ही जनजागरण अभियान चलाए जाएंगे। 30 अप्रैल तक मांगों पर कार्रवाई न होने पर प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की घोषणा होगी। पदाधिकारियों ने कहा कि 19 नवंबर 2020 के शासनादेश पर किसी भी दशा में वसूली न की जाए। ऐसा हुआ, तो विरोध होगा। क्योंकि एसीपी का लाभ लेने पर कर्मचारियों का कोई दोष नहीं है। शासनादेश में भ्रांति के कारण ही ऐसी स्थिति पैदा हुई है।

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