मिनिस्टीरियल कर्मचारियों के आंदोलन को संगठन का समर्थन, उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की जा रही कटौती का किया विरोध
देहरादून।
एसीपी के तहत दिए गए लाभ की मिनिस्टीरियल कर्मचारियों से की जा रही कटौती के खिलाफ मिनिस्टीरियल फैडरेशन ऑफ सर्विसेज एसोसिएशन के आंदोलन को अन्य संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। सोमवार को उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने आंदोलन का समर्थन किया। संगठन पदाधिकारियों ने वित्तीय कटौती वित्त विभाग के आदेशों का विरोध किया।
यमुना कालोनी में हुई संगठन की बैठक में अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार और महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि जिन संवर्गों में स्टॉफिंग पैटर्न की व्यवस्था है, वहां समयबद्ध आधार पर प्रमोशन या एसीपी के तहत लाभ दिए गए। अब वित्त विभाग इस लाभ को वापस लेने के आदेश करता है। इसके कारण जो कर्मचारी रिटायरमेंट की कगार पर पहुंच गए हैं, उनसे लाखों की वसूली के नोटिस दिए जा रहे हैं। ये सीधे तौर पर कर्मचारियों का उत्पीड़न है। कहा इसके में संगठन के सभी सदस्य 31 मार्च तक काली पट्टी बांध विरोध प्रदर्शन करेंगे। पांच अप्रैल से आठ अप्रैल तक अपने अपने कार्यालय में कार्य बहिष्कार करेंगे। 12 अप्रैल को हर जिले में डीएम के जरिए सीएम को ज्ञापन भेजे जाएंगे। उसके बाद 13 अप्रैल को अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा होगी।
बैठक में साफ किया गया कि मिनिस्टीरियल कर्मचारियों से एसीपी की वसूली बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। क्योंकि कर्मचारियों को एक समय में एक ही लाभ प्राप्त हुआ है। ऐसे में किसी को भी अतिरिक्त लाभ नहीं मिला है। इस कटौती के कारण बड़ी संख्या में कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्रकरण लंबित पड़े हैं। फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी और महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि इससे पहले की आंदोलन तेज हो, सरकार तत्काल कटौती का आदेश वापस ले। ऐसा न होने पर आंदोलन तय है। बैठक में संदीप कुमार मौर्य, बनवारी सिहं रावत, महावीर तोमर, सुरेंद्र प्रसाद बछेती, रामचंद्र जोशी, रमेश चंद्र रमोला, सुभाष देवलियाल आदि मौजूद रहे।