विवाहिता की मौत पर मुकदमा दर्ज न करने पर लापरवाही बरतने वाले होंगे निलंबित, डीजीपी ने एसपी हरिद्वार से मांगी रिपोर्ट
देहरादून।
अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा थाना गंगनहर, हरिद्वार में पंजीकृत अभियोग की विवेचना में ठोस साक्ष्य संकलन न करने एवं लापरवाही बरतने का संज्ञान लेते हुए उक्त अभियोग की नियमानुसार सक्षम अधिकारी से सुसंगत धाराओं में पुर्नविवेचना कराने, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने और प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, हरिद्वार कराते हुए 07 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र को निर्देशित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि दिनांक 27 अगस्त, 2018 को श्रीमती कविता की शादी के चार वर्ष के भीतर आत्महत्या करने से मृत्यु हई थी, जिस सम्बन्ध में उनके पिता श्री राजकुमार, निवासी 587 जनकपुरी, मुज्जफरनगर, उत्तर प्रदेश ने ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग करने व धमकी देने के आरोप लगाये गये। उपरोक्त सम्बन्ध में थाना गंगनहर, हरिद्वार में धारा 306/506 भादवि के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया और अन्तिम रिपोर्ट माननीय न्यायालय प्रेषित कर दी गयी। दिनांक 19 मार्च, 2021 को श्री राजकुमार द्वारा श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड से उनके कार्यालय में भेंट कर उपरोक्त अभियोग की पुर्नविवेचना कराये जाने का अनुरोध करते हुए शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया।
श्री अशोक कुमार द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए प्रकरण से सम्बन्धित विवेचक को विवेचनात्मक अभिलेखों के साथ पुलिस मुख्यालय में समीक्षा हेतु बुलाया गया। समीक्षा के दौरान पाया गया कि मृतिका की मृत्यु शादी के 07 वर्ष के भीतर हुई थी, जिस सम्बन्ध में तहरीर के आधार पर दहेज हत्या के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कर विवेचना की जानी चाहिए थी। इसके साथ ही मृतिका द्वारा वर्ष 2017 में अपने ससुराल पक्ष के विरूद्ध महिला थाना, मुज्जफरनगर, उत्तर प्रदेश में दहेज प्रताड़ना और दहेज प्रतिषेध अधिनियम का अभियोग भी पंजीकृत कराया गया था, जिसमें विवेचना के उपरान्त आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। इन तथ्यों का संज्ञान न लेते हुए भी अभियोग धारा 306/506 भादवि में पंजीकृत कर अन्तिम रिपोर्ट लगा दी गयी, जो घोर लापरवाही दर्शाता है।