कोरोना काल में भी नहीं मिल रहा गोल्डन कार्ड का लाभ, कर्मचारी संगठनों ने गोल्डन कार्ड सुविधा पर उठाए सवाल, चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों पर रोक से हो रहा दोहरा नुकसान
देहरादून।
कर्मचारी संगठनों ने कोरोना काल में भी गोल्डन कार्ड का लाभ न मिलने पर सवाल उठाए। संगठनों का आरोप है कि गोल्डन कार्ड की सुविधा मिल नहीं रही है। ऊपर से चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों की सुविधा पर भी बंद कर दी गई है। ऐसे में कर्मचारियों, पेंशनर्स के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के प्रदेश महामंत्री पंचम सिह बिष्ट ने कहा कि अभी हल्द्वानी में एक कर्मचारी का इलाज प्राइवेट अस्पताल में हुआ। गोल्डन कार्ड दिखाने पर भी पैसे मांगे गए। कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं दी गई। उल्टा भारी भरकम बिल पकड़ा दिया गया। ऐसे में गोल्डन कार्ड की सुविधा मिली नहीं, ऊपर से चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा भी बंद कर दी गई है। ऐसे में कर्मचारी इलाज को कहां जाए।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने कहा कि गोल्डन कार्ड योजना में तमाम खामियां हैं। कहीं लोगों को इलाज नहीं मिल रहा। कहीं अस्पताल इम्पेनेलमेंट नहीं है। इम्पेनेलमेंट हैं, तो सम्बन्धित बीमारी का इलाज नहीं हो सकता। क्योंकि अस्पताल बीमारियों के हिसाब से अलग अलग इम्पेनेलमेंट किए गए हैं। इसके कारण कर्मचारियों को बड़ी दिक्कत पेश आ रही है। उत्तराखंड मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि गोल्डन कार्ड योजना में हर महीने वेतन से तो पैसे कट रहे हैं, लेकिन सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। सचिवालय संघ अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार या तो इस योजना की तमाम खामियों को दूर करे। ऐसा न होने पर योजना को लेकर पुनर्विचार करे। ताकि कर्मचारियों को कोई दिक्कत न हो।