सरकारी कार्यालयों में अब सिर्फ 50 प्रतिशत उपस्थिति, गर्भवती, दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाली महिला कर्मचारियों को ऑफिस आने से छूट, दिव्यांग और नेत्रहीन कर्मचारियों को भी सिर्फ अपरिहार्य परिस्थितियों में बुलाया जाएगा ऑफिस 

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सरकारी कार्यालयों में अब सिर्फ 50 प्रतिशत उपस्थिति, गर्भवती, दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाली महिला कर्मचारियों को ऑफिस आने से छूट, दिव्यांग और नेत्रहीन कर्मचारियों को भी सिर्फ अपरिहार्य परिस्थितियों में बुलाया जाएगा ऑफिस

देहरादून।

सरकारी कार्यालयों में आवश्यक सेवाओं वाले विभागों को छोड़ कर बाकि जगह 50 प्रतिशत उपस्थिति रोटेशन के आधार पर सीमित रहेगी। इसे लेकर मुख्य सचिव ने मंगलवार को विधिवत आदेश जारी किए। गर्भवती महिला और दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों वाली महिला कर्मचारियों को भी सिर्फ अपरिहार्य स्थिति में कार्यालय बुलाया जा सकेगा। यही व्यवस्था नेत्रहीन और दिव्यांग कर्मचारियों के लिए रहेगी।
सरकारी कार्यालयों में समूह ग और घ के कर्मचारियों पर ये आदेश लागू होंगे। कार्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति रोटेशन के आधार पर रहेगी। कोरोना के खतरे को भांपते हुए गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों वाली महिला कर्मचारियों को भी सिर्फ अपरिहार्य स्थिति में ही ऑफिस बुलाया जा सकेगा। यही नियम 55 वर्ष से अधिक आयु और गंभीर बीमारी से ग्रसित कर्मचारियों पर भी लागू होंगे। सरकारी कार्यों में बहुत जरूरी होने पर ही इन कर्मचारियों को बुलाया जा सकेगा। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि जहां तक संभव हो, बैठकें विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही की जाएं। यदि विडियो कांफ्रेंसिंग संभव न हो, तो बैठकें कम से कम रखी जाएं।
मुख्य सचिव की ओर से आदेश होने पर कर्मचारी संगठनों ने सरकार का आभार जताया। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि मंगलवार को ही संगठन मुख्य सचिव से मिला और इसके तत्काल बाद आदेश हो गया। इस आदेश को समूह ख श्रेणी के लिए भी लागू कराया जाएगा। समीक्षा अधिकारी संघ के अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि संघ ने सोमवार को ही इस मांग को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद सरकार ने इस आदेश को कर कर्मचारियों को कोरोना बीमारी के दौरान बड़ी राहत दी है।

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