अब दस प्रतिशत छात्रों का ही होगा रैंडम भौतिक सत्यापन, छात्रवृति को छात्रों के भौतिक सत्यापन के मानक सरल, सचिव समाज कल्याण ने निदेशक समाज कल्याण को भेजे दिशा निर्देश, भौतिक सत्यापन में आ रही दिक्कतों को दूर करने को नियमों में किया संशोधन 

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अब दस प्रतिशत छात्रों का ही होगा रैंडम भौतिक सत्यापन, छात्रवृति को छात्रों के भौतिक सत्यापन के मानक सरल, सचिव समाज कल्याण ने निदेशक समाज कल्याण को भेजे दिशा निर्देश, भौतिक सत्यापन में आ रही दिक्कतों को दूर करने को नियमों में किया संशोधन

देहरादून।

पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्र छात्राओं के भौतिक सत्यापन के मानकों को सरल कर दिया गया है। अब सिर्फ दस प्रतिशत का ही रैंडम भौतिक सत्यापन होगा। कैबिनेट में हुए फैसले के बाद नियमों में सरलीकरण का विधिवत आदेश जारी कर दिया गया है। सचिव समाज कल्याण की ओर से निदेशक समाज कल्याण को निर्देश जारी किए गए।
संशोधन के बाद संस्थाध्यक्ष छात्रों के भेजे गए ऑनलाईन आवेदन पत्रों को निर्धारित की गई तारीख में प्रस्तुत आय, जाति, मूल निवास, पिछले कक्षा के उत्तीर्ण परीक्षा परिणाम, आधार संख्या समेत पात्रता की सभी शर्तों का परीक्षण करना होगा। परीक्षण कर पूर्ण और त्रुटि रहित आवेदन पत्र जिला समाज कल्याण अधिकारी को ऑनलाइन भेजे जाएंगे। किसी आवेदन पत्र में कोई कमी होने पर सम्बन्धित संस्थान की ओर से आवेदनों को अस्थायी निरस्त कर दिया जाएगा। यदि आवेदन इस प्रकार है, जिसे सुधारा नहीं जा सकता और छात्र पात्रता नहीं रखता, तो उसे स्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाएगा।
छात्र छात्राओं को आवेदन को ठीक करने के बाद दोबारा संस्थान को ऑनलाइन भेजा जाएगा। संस्थान के स्तर से सत्यापित करने के बाद ही जिला समाज कल्याण अधिकारी को स्वीकृति एवं भुगतान को ऑनलाइन भेजा जाएगा। शिक्षण संस्थान को छात्रों से प्राप्त मूल आवेदनों और उनके हॉर्ड कॉपी में दिए गए दस्तावेजों को अपने पास भविष्य में रिकॉर्ड के रूप में सुरक्षित रखना होगा। समय के भीतर समाज कल्याण अधिकारी को भी भेजना होगा। शासन, विवि, एआईसीटीई, मेडिकल, शिक्षण परिषद से मान्यता से सम्बन्धित अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों को भी प्रस्ताव के साथ भेजना होगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी की ओर से आवेदन पत्र को अस्थायी रूप से इस आधार पर निरस्त किया जाएगा कि यदि आवेदन पत्र में कोई कमी रह गई हो, जिसे ठीक कराना जरूरी महसूस हो रहा है, तो उसे संशोधन के साथ दोबारा भेजा जा सके।

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