अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति होगी पुनर्जीवित, सचिवालय सहित प्रदेश के कार्मिकों, शिक्षकों व पेंशनर्स की एक समान मांगों के निस्तारण पर जोर 

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अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति होगी पुनर्जीवित, सचिवालय सहित प्रदेश के कार्मिकों, शिक्षकों व पेंशनर्स की एक समान मांगों के निस्तारण पर जोर

देहरादून।

सचिवालय समेत प्रदेश के सभी राजकीय, शिक्षणेतर संस्थानो, निगमों, स्वायत्तशासी निकायों के कार्मिकों, शिक्षकों के वेतन भत्तों व समान मुद्दों पर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति को दोबारा खड़ा किया जाएगा। इसके लिए उसे पुनर्जीवित किया जाएगा।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि अब समय आ गया है, जब सभी कार्यरत कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को एक मंच पर लाया जाए। कहा कि पूर्व में बनी समिति के अधिकतर संयोजक रिटायर हो चुके हैं, तो कुछ ने राजनीतिक दल ज्वाइन कर लिए हैं। ऐसे में नये सिरे से समिति को पुनर्जीवित किया जाएगा। ताकि मांगों का पालन हो सके।
कहा कि पूर्व में समझौता 31 जनवरी 2019 को उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के साथ सम्पन्न हुआ था। इसमें सचिवालय संघ ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। जल्द नये सिरे से सचिवालय तथा प्रदेश के अन्य सेवा संघों के प्रभावशाली पदाधिकारियो के सहयोग से नवीन संयोजक मंडल गठित कर सहमति प्राप्त बिन्दुओं सहित वर्तमान में अन्य नई समान मांगों को पूर्ण कराया जाएगा। इसमें मात्र सेवा संघो के सेवारत पदाधिकारियो को ही शामिल किया जाएगा।

रिटायर पदाधिकारियों का संज्ञान लें कार्मिक विभाग
दीपक जोशी ने कहा कि सेवा संघो की मान्यता नियमावली के अन्तर्गत कोई भी सेवानिवृत्त कार्मिक किसी भी सेवा संघ मे पदाधिकारी नही रह सकता है। ऐसी स्थिति मे ऐसे सेवा संघों की मान्यता रद्द किये जाने का नियम कार्मिक विभाग का है। ऐसे सेवा संघो मे काबिज पदाधिकारियों द्वारा सेवानिवृत्ति के बाद दिये जाने वाले बयान का क्या कोई महत्व और वह विधिक दृष्टिकोण से सही है, इसका आकलन भी सभी को करना चाहिए। सरकार व कार्मिक विभाग को ऐसे संघो का तत्काल संज्ञान लेना चाहिए, जिसमे पदाधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद भी काबिज हैं।

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