जल निगम की आर्थिक हालत सुधरने पर सीएम ने थपथपाई पीठ, अपने बजट से ही तैयार होगी जल निगम की बहुमंजिला इमारत, सीएम ने किया शिलान्यास, पेयजल, सीवर पाइप, पेयजल, एसटीपी से निकलने वाले पानी, बिल्डिंग निर्माण सामग्री की गुणवत्ता जांचने को बनेगी लैब
देहरादून।
पेयजल निगम निर्माण विंग अपने ही बजट से बिना किसी अन्य वित्तीय सहायता के कमलानगर में बहुमंजिला इमारत बनाने जा रही है। इस भवन का बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शिलान्यास किया। निगम का सेंटज बढ़ने, कर्मचारियों को नियमित वेतन, पेंशन का भुगतान होने पर मैनेजमेंट की पीठ थपथपाई।
शिलान्यास कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब पेयजल निगम पहले वाला निगम नहीं रहा। अब यहां कर्मचारियों, पेंशनर्स को वेतन, पेंशन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता। पहले महीनों तक समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा था। अब नियमित रूप से वेतन, पेंशन का भुगतान हो रहा है। निगम अपनी आर्थिक स्थिति को लगातार बेहतर कर रहा है। सेंटज से आय जुटा रहा है। इसी आय से अब निगम अपनी नई बिल्डिंग तैयार कर रहा है।
सीएम ने कहा कि इस बिल्डिंग में जल निगम के इधर उधर किराए के भवनों में फैले हुए कार्यालय एक छत के नीचे आ जाएंगे। इससे अनावश्यक खर्चा भी बचेगा। निगम की स्थिति और अधिक मजबूत होगी। कहा कि उनके कार्यकाल में न सिर्फ शिलान्यास हो रहे हैं, बल्कि वे उन कार्यों का उद्घाटन भी कर रहे हैं। सचिव पेयजल नितेश झा ने कहा कि अभी जल निगम निर्माण विंग के चार से अधिक कार्यालय एक ही शहर में अलग अलग जगह पर हैं। अब ये सभी एक ही जगह होंगे। अफसरों को साफ कर दिया गया है कि इस भवन का निर्माण रिकॉर्ड समय पर पूरा किया जाए। इस अवसर पर एमडी उदयराज, मुख्य अभियंता मुख्यालय एससी पंत, मुख्य अभियंता गढ़वाल केके रस्तोगी, मुख्य महाप्रबंधक निर्माण सीएस रजवार, जीएम सुभाष चंद्र, एसई सुजीत विकास, परियोजना प्रबंधक केएम सिंह, अरविंद सजवाण, रविंद्र कुमार, राकेश तिवारी आदि मौजूद रहे।
अब नहीं वेतन, पेंशन का संकट
एमडी उदयराज ने कहा कि करीब डेढ़ दशक बाद ऐसी स्थिति आई है कि जल निगम कर्मचारियों, पेंशनर्स को समय पर वेतन, पेंशन का भुगतान हो रहा है। अब कर्मचारियों को वेतन के लिए आंदोलन नहीं करना पड़ता। तेजी के साथ सेंटज जुटाया जा रहा है। सेंटज से जुड़ी फाइलों का भी शासन स्तर पर तेजी से निस्तारण हो रहा है।
सालाना बचेंगे 15 लाख रुपये
अभी जल निगम निर्माण विंग के सीजीएम ऑफिस से लेकर अलग अलग परियोजना प्रबंधकों के चार से अधिक ऑफिस देहरादून में हैं। ये सभी ऑफिस किराए के भवन पर हैं। अब ये सभी भवन एक जगह आने पर निगम का सालाना 15 लाख रुपये से अधिक का पैसा बचेगा।