एक और सचिव कर्मचारियों के निशाने पर, असहयोग आंदोलन हुआ शुरू

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एक और सचिव कर्मचारियों के निशाने पर, असहयोग आंदोलन हुआ शुरू
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
राज्य में नौकरशाही लगातार कर्मचारियों के निशाने पर है। सचिव लोनिवि के खिलाफ जहां सचिवालय संघ ने मोर्चा खोल रखा है। वहीं उत्तराखंड राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ ने भी विभागीय सचिव के खिलाफ तेवर तल्ख कर लिए हैं। संघ ने मांगे पूरी न होने तक आईटीआई प्रवेश प्रक्रिया और आगामी एनसीवीटी प्रवेश परीक्षा के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।
संघ पदाधिकारियों ने विभागीय सचिव पर मनमानी करने, कर्मचारियों को परेशान करने, विभागीय कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। विभागीय मंत्री की बैठक में दिए गए आश्वासनों तक को न मानने का आरोप लगाया। संघ अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद जोशी ने कहा कि कर्मचारी आईटीआई प्रवेश प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की सुविधा को नोडल संस्थानों में बनाए गए फैसिलिटेशन सेंटर में ड्यूटी नहीं करेंगे। संघ का असहयोग आंदोलन रहेगा।
कहा कि सचिव स्तर से कर्मचारियों की मांगों को लेकर न सिर्फ अनदेखी की जा रही है, बल्कि विभागीय कार्यों में भी अनावश्यक हस्तक्षेप किया जा रहा है। कर्मचारी शासन स्तर से हुए आदेशों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
महामंत्री पंकज सनवाल ने कहा कि सत्रांत लाभ भी नहीं दिया जा रहा है। विभागीय पुनर्गठन के नाम पर कार्यदेशक, प्रधानाचार्य, भंडारी संवर्ग के पदों में कटौती प्रस्तावित की है। दूसरी ओर अफसरों के पद बढ़ाए जा रहे हैं। मृतक आश्रितों के नियुक्ति प्रकरण भी लंबे समय से डंप किए गए हैं। विभाग में कार्यदेशकों के रिक्त पदों पर पदोन्नति का प्रस्ताव डेढ़ साल से शासन स्तर पर रोका गया है। उसे आयोग नहीं भेजा जा रहा है। प्रधानाचार्य, भंडारी संवर्ग की पदोन्नति भी नहीं की जा रही है। कार्मिक विभाग के शासनादेश के विपरीत विभाग में वार्षिक एसीआर का नया प्रारूप लागू कर दिया है। इसके विरोध में आंदोलन जारी रहेगा।

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